Venkaiah Naidu Farewell: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाकपटुता और एक वाक्य में की जानी वाली चुटीली टिप्पणियों के लिए उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू की सोमवार को सराहना की और कहा कि उनके कार्यकाल में राज्यसभा के कामकाज में 70 प्रतिशत की वृद्धि हुई। नायडू को उच्च सदन में विदाई देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यसभा के सभापति के रूप में उन्होंने हमेशा संवाद को प्रोत्साहित किया और कई ऐसे मानदंड स्थापित किए जो एक विरासत के रूप में उनके उत्तराधिकारियों का मार्गदर्शन करते रहेंगे। नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है। मोदी ने कहा कि नायडू का हमेशा इस बात पर जोर रहा कि एक सीमा के बाद सदन में व्यवधान पैदा करना उसकी अवमानना के समान होता है।
आपके अनुभव आगे सभी सदस्यों को प्रेरणा देंगे: PM
उन्होंने कहा कि 'सभापति ने हमेशा सरकार को प्रस्ताव लाने दें, विपक्ष को उसका विरोध करने दें और सदन को उसका समाधान निकालने दें' के सिद्धांत पर काम किया। उन्होंने कहा, ''आपके कार्य, आपके अनुभव आगे सभी सदस्यों को जरूर प्रेरणा देंगे। अपने विशिष्ट तरीके से आपने सदन चलाने के लिए ऐसे मानदंड स्थापित किये हैं, जो आगे इस पद पर आसीन होने वालों को प्रेरित करते रहेंगे।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यसभा के सभापति के रूप में नायडू की मौजूदगी में सदन की कार्यवाही के दौरान हर भारतीय भाषा को विशिष्ट अहमियत दी गई है और उन्होंने सदन में सभी भारतीय भाषाओं को आगे बढ़ाने के लिए काम किया। उन्होंने कहा, ''सदन में हमारी सभी 22 अनुसूचित भाषाओं में कोई भी सदस्य बोल सकता है, उसका इंतजाम आपने किया। आपकी ये प्रतिभा और निष्ठा आगे भी सदन के लिए मार्गदर्शक के रूप में हमेशा काम करेगी। कैसे संसदीय और शिष्ट तरीके से भाषा की मर्यादा में कोई भी अपनी बात प्रभावी ढंग से कह सकता है, इसके लिए आप प्रेरणा पुंज बने रहेंगे।''
आपकी एक लाइन वाली चुटीली टिप्पणियां: PM
प्रधानमंत्री ने कहा कि भाषा को ताकत बनाकर सहजता से उसे सामर्थ्य के रूप में विकसित करना और उस कौशल से स्थितियों को बदलने की क्षमता रखना नायडू की बहुत बड़ी कला है। उन्होंने कहा, ''आपकी एक लाइन वाली चुटीली टिप्पणियां, आपकी वाकपटुता को दर्शाती हैं। उनके बाद कुछ कहने की जरूरत ही नहीं रह जाती।'' प्रधानमंत्री ने नायडू को युवाओं व सांसदों के लिए प्रेरणास्रोत बताया और कहा कि वे समाज, देश और लोकतंत्र के बारे में उनसे बहुत कुछ सीख सकते हैं। उन्होंने कहा कि वह देश के ऐसे उपराष्ट्रपति हैं, जिन्होंने अपनी सभी भूमिकाओं में हमेशा युवाओं के लिए काम किया और सदन में भी हमेशा युवा सांसदों को आगे बढ़ाया और उन्हें प्रोत्साहन दिया।
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