Vaishno Devi Yatra: मां वैष्णोदेवी जाने वाल श्रद्धालुओं को नई सुविधा मिलने जा रही है। कटरा में 25 एकड़ जमीन पर एक इंटरनल मॉडल स्टेशन तैयार किया जाएगा। इसकी खासियत यह होगी कि मॉडल स्टेशन से एक ही स्थान पर वैष्णो देवी यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को बस, ट्रेन, हेलिकॉप्टर सहित दूसरी ट्रांसपोर्ट सर्विस एक ही स्थान पर मिल सकेगी। इसके लए श्रद्धालुओं को अलग अलग स्थानों पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस मॉडल स्टेशन को विकसित करने में 900 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
जानिए किन कंपनियों के बीच हुआ है एग्रीमेंट?
इंटरनल मॉडल स्टेशन पर टैक्सी, आटो रिक्शा के लिए भी अतिरिक्त पार्किंग स्टैंड बनाए जाएंगे। दिल्ली से जो लोग कटरा में वैष्णोदेवी के दर्शन करने के लिए आएंगे, उन्हें भी काफी सहूलियत हो जाएगी। क्योंकि दिल्ली से कटरा आने वाले एक्सप्रेस हाईवे को इंटर मॉडल स्टेशन के साथ ही जोड़ा जाएगा।
इंटरनल मॉडल स्टेशन बनाने का काम नेशनल हाइवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड को दिया गया है। कटरा विकास प्राधिकरण और हाइवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड यानी ( NHLML) के बीच इसके लिए एग्रीमेंट हुआ है। इस बारे में कटरा प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा खास निर्देश दिए गए हैं। इसमें यह कहा गया है कि इंटर मॉडल स्टेशन का मैप विश्वस्तर के आर्किटेक्ट बनाएंगे, ताकि यह और भव्य और बेहतरीन बन सके।
हाल ही में माता वैष्णो देवी यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए रोपवे सेवा देने के लिए मंजूदी दी गई थी। जिसमें कटरा से अर्धकुमारी तक रोपवे का निर्माण किया जाना है। कटरा से अर्धकुमारी के बीच बनने वाले रोपवे की लंबाई 1281.20 मीटर होगी। इसकी ऊंचाई अधिकतम 590.75 मीटर तक होगी।
दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालओं के लिए RFID कार्ड
गौरतलब है कि श्राइन बोर्ड कि तरफ से अब माता के दर्शन के लिए यात्रियों को पर्ची की जगह रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID ) कार्ड दिए जाने की व्यवस्था की गई है। यह सर्विस एक अगस्त से शुरू की गई है।एक अगस्त से यात्री पर्ची की बजाय नई आरएफआईडी (RFID) सर्विस को शुरू कर किया गया है। यानि अगर आप अगले महीने माता के दर्शन के लिए जाने का प्लान बना रहे हैं तो अब आपको यात्री पर्ची लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आरएफआईडी कार्ड पूरी तरह से चिपयुक्त है जो सर्वर के साथ कनेक्ट होगा।
इसके लिए कंट्रोल रूम होगा। इस कार्ड में भक्तों की तस्वीर के साथ पूरी तरह की जानकारी होगी। यात्रा शुरू करने से पहले श्रद्धालु को श्राइन बोर्ड के यात्रा पंजीकरण केंद्र से RFID कार्ड मिलेगा। यात्रा पूरी करने के बाद श्रद्धालु को इस कार्ड को वापस करना होगा। सबसे खास बात यह है कि इस कार्ड को मेट्रो टोकन की तरह कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है।
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