नई दिल्ली: देह व्यापार एक ऐसा दलदल है, जिसमें फंसने वाली लड़की आसानी से बाहर नहीं निकल सकती। हमने कई बार उन लड़कियों की खबरें पढ़ी और सुनी हैं, जो किसी वजह से इस गंदे काम के दलदल में फंसी और फिर उनका पूरा जीवन नरक बन गया। ऐसी लड़कियों की संख्या बहुत कम ही होती है, जो इस दलदल से बाहर आ पाती हैं, अधिकतर की जिंदगी इस नरक को भोगते हुए ही बीतती है।
बाबर के घर की बेटियां क्यों हो रही मजबूर?
बाबर के घर की बेटियां जिस्मफरोशी के दलदल में फंस रही हैं, इस बात को समझने के लिए आपको बाबर के बारे में जानना पड़ेगा। दरअसल मुगल शासक मिर्जा जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर का घर उज्बेकिस्तान की फरगना वैली में कारादरया नदी के किनारे पहाड़ों से घिरे प्रांत अंदीजान में था। बाबर 1494 में फरगना का शासक बन तो गया था लेकिन समरकंद जीतने के दौरान उसके हाथ से फरगना निकल गया था। जिसका असर ये हुआ कि अपने अंतिम समय तक तमाम युद्धों को जीतने के बावजूद बाबर अपने घर (अंदीजान) को वापस नहीं लौट पाया।
वर्तमान हालात यह हैं कि उज्बेकिस्तान के अंदीजान से लड़कियों को भारत की राजधानी दिल्ली लाया जा रहा है और उनसे देह व्यापार करवाया जा रहा है। दरअसल ये रैकेट कुछ इस तरह चलाया जा रहा है, जिसमें अंदीजान समेत उज्बेकिस्तान के अलग-अलग इलाकों की उन लड़कियों को निशाना बनाया जा रहा है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। इन लड़कियों से दुबई में काम दिलाने के बहाने दिल्ली लाकर जिस्मफरोशी करवाई जा रही है और उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा है।
एक दिन में आते हैं 10-12 कस्टमर
इन लड़कियों के साथ काफी क्रूरता हो रही है। उन्हें शाम से लेकर सुबह तक देह व्यापार में उतार दिया जाता है, जिसमें हर दिन 10 से 12 कस्टमर इन लड़कियों के पास आते हैं। अगर लड़कियां काम करने से मना करती हैं तो उनको पीटा जाता है और तमाम तरह से उनको ब्लैकमेल किया जाता है। यहां सिगरेट से जलाना, बॉडी पर कट लगाना जैसी बातें आम हैं। इन लड़कियों को ड्रग्स की भी आदत लगवाई जाती है, जिससे वह भाग ना सकें।
राजधानी दिल्ली में हो चुकी है कार्रवाई
जुलाई 2022 में दिल्ली के मालवीय नगर में पुलिस ने एक सेक्स रैकेट का खुलासा किया था, जिसमें उज्बेकिस्तान की 10 लड़कियों को छुड़ाया गया था। इसके बाद ये खबरें भी सामने आईं थीं कि इनमें से 5 लड़कियां एनजीओ के संरक्षण से भाग गई थीं। हालात ये हैं कि उज्बेकिस्तान की लड़कियों को दिल्ली के सेक्स बाजार में रशियन बताकर बेचा जाता है क्योंकि इस बाजार में रशियन लड़कियों की मांग ज्यादा है और उज्बेकिस्तान की लड़कियां उन्हीं की तरह दिखती हैं।
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