उत्तरकाशी: कई दिनों के इंतजार, मेहनत, सब्र, वैज्ञानिक प्रयासों और ईश्वर की कृपा से सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को सही-सलामत बाहर निकाला जा रहा है । इस टनल में 41 मजूदर पिछले 17 दिनों से फंसे हुए थे। इन 17 दिनों यह डर बना रहा कि कहीं कोई अनहोनी ना हो जाए और श्रमिकों की जान चली जाए। इन्हें सुरक्षित बाहर निकलने के लिए हर मुमकिन प्रयास किए गए और आखिरकार 17 दिनों बाद इन्हें बाहर निकाला जा रहा है।
इस बचाव अभियान में दुनियाभर के जानकारों, और तकनीक का सहारा लिया गया। विदेशों से जानकार और मशीने मंगवाई गईं। NDRF, SDRF, स्थानीय पुलिस, ग्रामीणों और सेना के जवानों की कड़ी मेहनत ने इन मजदूरों की जान बचाई। अगर यूं कहें कि इन श्रमिकों को नया जीवन मिला है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
Image Source : PTIप्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स
20 नवंबर को हादसे स्थल पर आ गए थे डिक्स
वहीं इन सभी के बीच एक ऐसा शख्स भी है, जिसने इस पूरे अभियान में बेहद ही अहम भूमिका निभाई। यह हैं इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन के अध्यक्ष अर्नोल्ड डिक्स। इन्होने इस अभियान में बेहद ही अहम भूमिका अदा की। वो 20 नवंबर को सुरंग स्थल पर पहुंचे थे। उन्होंने पिछले 17 दिनों में हमेशा सभी को पॉजीटिव रहने की सलाह दी। डिक्स दिन-रात सुरंग स्थल पर मजदूरों से संपर्क में रहे। उन्होंने ना दिन देखी ना रात, वह हर समय इस अभियान को सफल बनाने में जुटे रहे।
Image Source : PTIप्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स
आस्ट्रेलिया के रहने वाले हैं डिक्स
प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स आस्ट्रेलिया के रहने वाले हैं और वह भूमिगत और परिवहन बुनियादी ढांचे में विशेषज्ञ हैं। वो न सिर्फ भूमिगत निर्माण से जुड़े जोखिमों पर सलाह देते हैं ब्लकि भूमिगत सुरंग बनाने में दुनिया के अग्रणी विशेषज्ञों में से वो एक हैं। डिक्स ब्रिटिश इंस्टीट्यूट ऑफ इन्वेस्टिगेटर्स में बैरिस्टर भी हैं।
Image Source : PTIप्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स
तीन दशकों के उनके करियर में इंजीनियरिंग, भूविज्ञान, कानून और रिस्क मैनेजमेंट मामलों का एक अनूठा मिश्रण देखा गया है। वह सभी महाद्वीपों के लिए काम करते हैं। इसके साथ ही डिक्स अंडरग्राउंड वर्क्स चैंबर्स, विक्टोरियन बार, ब्रिटिश इंस्टीट्यूट ऑफ इन्वेस्टिगेटर्स के सदस्य हैं और टोक्यो सिटी यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग (सुरंगों) में विजिटिंग प्रोफेसर भी हैं।
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