उत्तराखंड में 'लव जिहाद' के मामलों पर जबरदस्त बवाल, सीएम धामी ने दिया बड़ा बयान
उत्तरकाशी के पुरोला में मुसलमानों की दुकानों के बाहर 15 जून की प्रस्तावित महापंचायत से पहले दुकानें खाली करने के पोस्टर तक नजर आ रहे हैं।
देहरादून: उत्तराखंड में इन दिनों लव जिहाद के मामले सुर्खियों में हैं और लोग अपना विरोध दर्ज कराने के लिए सड़कों पर उतरने लगे हैं। सूबे के पछुवादून से लेकर उत्तरकाशी तक लव जिहाद के मामलों को लेकर लोगों में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिल रहा है। पुरोला में हिंदू नाबालिग लड़की को भगाने के प्रयास का मामला शांत होता नहीं दिख रहा है। मुसलमानों और बाहरी व्यापारियों के खिलाफ स्थानीय लोगों में आक्रोश बरकरार है। यहां तक कि मुसलमानों की दुकानों के बाहर 15 जून की प्रस्तावित महापंचायत से पहले दुकानें खाली करने के पोस्टर तक नजर आ रहे हैं।
9 मकान मालिकों ने खाली करवाईं दुकानें
पोस्टर लगने के बाद पुरौली के 9 मकान मालिकों ने अपनी दुकानें खाली करवाने का ऐलान कर दिया है। वहीं, पुलिस ने पोस्टर चस्पा कर माहौल खराब करने वाले अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुरोला में नाबालिग छात्रा को भगा ले जाने और जिले में सौहार्दपूर्ण माहौल बिगाड़े जाने का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी संज्ञान लिया और कहा, ‘लव जिहाद और लैंड जिहाद को लेकर प्रदेश सरकार पूरी तरह से सख्त है। देवभूमि में इस तरीके की हरकतों को नहीं होने दिया जाएगा।’ धामी ने पुलिस अधिकारियों को ऐसे मामलों में सख्ती बरतने के निर्देश दे दिए हैं।
एक महीने में सामने आए करीब 13 मामले
उत्तराखंड सरकार जहां धर्मातरण कानून को लेकर अपनी पीठ थपथपा रही है, वहीं राज्य में इन दिनों लव जिहाद के मामले सरगर्मी बढ़ा रहे हैं। दरअसल, पिछले दिनों हरिद्वार, उत्तरकाशी, हल्द्वानी समेत कई क्षेत्रों से लव जिहाद के मामले सामने आए हैं। देहरादून जिले के विकासनगर और चकराता क्षेत्र से भी ऐसे ही मामले चर्चाओं में हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले एक महीने में ही करीब 13 ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। पछुवादून क्षेत्र में इन मामलों को लेकर सबसे ज्यादा चिंताजनक स्थिति बनी हुई है और कुछ क्षेत्रों में तो हिंदूवादी संगठनों ने पोस्टर लगाकर ऐसे लोगों को आगाह करने की कोशिश की है।
क्या है उत्तरकाशी के पुरोला का केस?
पिछले दिनों उत्तरकाशी जिले के पुरोला के व्यापारियों ने एक समुदाय विशेष के कई व्यापारियों का विरोध किया था। इसका कारण था कि यहां एक नाबालिग लड़की को भगाने की कोशिश का मामला सामने आया था। दरअसल, 26 मई को नाबालिग लड़की को भगाने की कोशिश के आरोप में नजीमाबाद निवासी उबैद पुत्र अहमद व जितेंद्र सैनी पुत्र अत्तर सैनी के खिलाफ आईपीसी की धारा 363 और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। दोनों लड़कों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।
विकासनगर में क्यों आया हुआ है उबाल?
देहरादून के विकासनगर में हिमाचल प्रदेश के शिलाई की 16 साल की एक हिंदू लड़की को लेकर 2 मुस्लिम युवक कोटी कनासर पहुंचे थे। वे होटल में कमरे की तलाश कर रहे थे, तभी ग्रामीणों को शक हुआ और उन्होंने युवकों को पुलिस के हवाले कर दिया। पूछताछ में पता चला कि आरोपी सहारनपुर का रहने वाला शाहरुख पुत्र इदरीश विकासनगर का शौकीन पुत्र दिलशाद हिमाचल के पावंटा साहिब में सैलून में काम करते हैं। वे यहीं से लड़की को बहलाकर चकराता ले आए। युवकों के खिलाफ आईपीसी की धारा 363/366 और पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया था। (IANS)