उत्तरकाशी टनल से कुछ ही घंटों में बाहर निकलने वाले हैं मजदूर, वीके सिंह भी मौके पर पहुंचे
सबको उम्मीद है कि आज 41 मजदूर अपने परिजनों को देख पाएंगे। सुरंग के बाहर ही बैठे परिवार वालों की भावनाओं को भी उत्तरकाशी की सर्दी डिगा नहीं पा रही है। एक्सपर्ट के मुताबिक अगर सब ठीक रहा तो आज मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा।
उत्तरकाशी: आज का दिन उन 41 मजदूरों और उनके परिजनों के लिए खुशखबरी लाने वाला है जो 12 दिनों से उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग के अंदर फंसे हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने बताया कि रेस्क्यू में अभी 12-15 घंटे लग सकते हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल एक्सपर्ट ने बताया है कि केवल दो पाइप डाले जाने बाकी है। ये पाइप कल रात ही अंदर डाल दिए जाते लेकिन मलबे में सरिया आने से ड्रिलिंग मशीन का काम रोक दिया गया था जिसके बाद NDRF के जवान पाइप में दाखिल हुए और सरिए काटने का काम शुरू किया। एक्सपर्ट के मुताबिक अगर सब ठीक रहा तो आज मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा। बाहर भी सारी तैयारी की जा चुकी है।
केंद्रीय मंत्री वीके सिंह भी मौके पर पहुंचे
टनल के अंदर इलेक्ट्रिसिटी की काम देख रहे गिरीश सिंह रावत के मुताबिक ड्रिलिंग के रास्ते में आ रहे सरिए काट दिए गए हैं और अब बाकी बचे हिस्से में पाइप को अंदर डाला जा रहा है। अब मजदूरों को बचाने का ऑपरेशन अपने अंतिम दौर में चल रहा है। बचावकर्मी काफी करीब तक पहुंच गए हैं। केंद्रीय मंत्री वीके सिंह भी मौके पर पहुंचे हैं और राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा ले रहे हैं। उत्तरकाशी के DM अभिषेक रूहेला ने बताया, 'अभी जो बचाव कार्य चल रहा है उसमें कुछ चुनौतियां आ रही हैं। उससे निजात पाने के लिए कुछ विशेषज्ञों को बुलाया गया है। उनकी सलाह के आधार पर बचाव कार्य को आगे बढ़ाया जा रहा है। काम करने वाले लोगों की सुरक्षा भी आवश्यक है।'
रेस्क्यू ऑपरेशन की बड़ी बातें क्या हैं?
- मलबे में सरिया आने से ड्रिलिंग रुक गई थी
- NDRF ने पाइप के अंदर घुसकर सरिया काटे
- NDRF के जवानों ने पाइप में जाकर रिहर्सल की
- देर रात तक 50 मीटर ड्रिलिंग पूरी हो गई थी
- अमेरिकन ऑगर मशीन ड्रिलिंग कर रही है
- मलबे में 6-6 मीटर लंबे पाइप डाले जा रहे हैं
- मज़दूरों को टाइम से खाना दिया जा रहा है
Image Source : pti
रेस्क्यू पूरा होने के बाद बाहर क्या-क्या तैयारी की गई है?
- टनल के पास 41 एंबुलेंस तैनात कर दी गई हैं
- सिल्क्यारा हॉस्पिटल में 41 बेड तैयार
- ज़रूरत पड़ने पर एयरलिफ्ट की तैयारी
- AIIMS ऋषिकेश को अलर्ट मोड पर रखा गया
- उत्तरकाशी और चिन्यालीसैंण अस्पताल भी तैयार
सुरंग के बाहर ही बैठे हैं मजदूरों के परिजन
टनल में फंसे मजदूरों के बाहर निकलने पर उनका मेडिकल चेकअप किया जाएगा। ये शारिरिक जांच तीन स्तर पर होगी पैरामैडिक, CMO और चिन्याली सौड के अस्पताल में मजदूरों की जांच होगी। टनल में फंसे मज़दूरों के परिजनों की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं। सबको उम्मीद है कि वो आज अपने परिजनों को देख पाएंगे। उत्तरकाशी की सर्दी भी इनकी भावनाओं को डिगा नहीं पा रही है ये परिजन सुरंग के बाहर ही बैठे हुए हैं। अब किसी भी वक्त मज़दूर बाहर निकल सकते हैं फिर भी डॉक्टरों की टीम लगातार उनसे बात कर रही है। कल ही टनल के अंदर मज़दूरों से बात करने के लिए एक ऑडियो नेटवर्क बना लिया गया था। इसी नेटवर्क के जरिए टनल में फंसे मजदूरों से डॉक्टर्स ने बात की। सबसे पहले डॉक्टरों ने अंदर फंसे मज़दूरों की काउंसलिंग की। जिन मजदूरों को हेल्थ प्रॉब्लम हो रही हैं, उनके लिए दवाएं भी भेजी गईं।
क्या है पूरा मामला?
उत्तरकाशी जिले में चारधाम यात्रा मार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था जिससे मलबे के दूसरी ओर 41 मजदूर फंस गए, जिन्हें निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात करके सिलक्यारा में चल रहे बचाव कार्यों की जानकारी ली। सोशल मीडिया पर यह जानकारी साझा करते हुए धामी ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को केंद्रीय एजेंसियों, अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों एवं प्रदेश प्रशासन के परस्पर समन्वय के साथ संचालित बचाव कार्यों से अवगत कराया और उन्हें गत 24 घंटे में हुई सकारात्मक प्रगति एवं श्रमिकों और उनके परिजनों की बातचीत से बढ़े मनोबल की भी जानकारी दी।
मंगलवार को सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों के सकुशल होने का पहला वीडियो सामने आया जिसने उनके परिवारों की उम्मीद के साथ ही बचावकर्मियों का मनोबल भी बढ़ा दिया।
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