Uttarakhand News: उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग जिले में शिक्षा विभाग ने चार साल पहले गुजर गए एक शिक्षक के तबादले का आदेश जारी कर दिया। मामला सामने आने के बाद में राज्य सरकार हरकत में आई और विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक को जांच के आदेश दिए। शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि सोशल मीडिया और अखबारों में इस संबंध में आई खबरों का संज्ञान लिया। शिक्षा मंत्री ने महानिदेशक बंशीधर तिवारी को एक समिति गठित कर इस मामले की तीन दिन में जांच पूरी करने के आदेश दिए और साथ ही दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को भी कहा।
शिक्षा मंत्री ने दिए जांच के आदेश
उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि रूद्रप्रयाग जिले में वार्षिक स्थानांतरण-2022-23 के तहत एक मृत शिक्षक के तबादले का मामला सामने आया है जो प्रथम दृष्टया विभागीय अधिकारियों की अपने काम और जिम्मेदारियों के प्रति 'घोर लापरवाही' है। उन्होंने कहा, "शिक्षक की मौत के चार साल बाद उसका तबादला आदेश जारी करना जिम्मेदार अधिकारियों की घोर लापरवाही दर्शाता है जो बर्दाश्त किये जाने योग्य नहीं है ।"
मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि जांच में दोषी पाये गए अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। दिवंगत शिक्षक वीरपाल सिंह कुंवर ने बीमारी के आधार पर अपना तबादला सुगम क्षेत्र में किए जाने का प्रार्थनापत्र दिया था लेकिन विभाग ने उनकी मौत के चार साल बाद उस पर कार्रवाई की।
यूपी में भी दो मृत कर्मचारियों का तबादला
उत्तराखंड की ही तरह उत्तर प्रदेश से भी कुछ दिन पहले ऐसा ही मामला सामने आया था। यूपी के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने दो मृत कर्मचारियों का तबादला कर दिया था। इतना ही नहीं एक ऐसे कर्मचारी का तबादला किया गया है, जिसका पहले ही ट्रांसफर हो चुका था। डेंटल हाईजीनिस्ट संवर्ग के महामंत्री राजीव तिवारी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने ट्रांसफर नीति का खुला उल्लंघन किया है। 2 मृत और एक स्थानांतरित कार्मियों का ट्रांसफर कर दिया गया है। पटल परिवर्तन के नाम पर निकट के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) को छोड़कर 100 किमी से दूर स्थित सीएचसी पर तबादले किए गए हैं।
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