Uttarakhand News :उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने गुरुवार को हरिद्वार स्थित पतंजिल योगपीठ में आचार्य बालकृष्ण के जन्मदिवस पर आयोजित ‘जड़ी बूटी दिवस’ कार्यक्रम में बड़ी घोषणा की। धामी ने मंच से ऐलान किया कि अब उत्तराखंड में नेचुरोपैथी (प्राकृतिक चिकित्सा) डॉक्टरों का भी पंजीकरण होगा। मुख्यमंत्री धामी ने साथ ही कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि पतंजलि योगपीठ उत्तराखंड में विश्व स्तरीय नेचुरोपैथी अस्पताल खोलने में सरकार की मदद करेगा।
योगगुरु रामदेव ने किया स्वागत
सीएम धामी की इस घोषणा का योगगुरु रामदेव ने स्वागत करते हुए कहा कि वह इसकी लंबे वक्त से मांग कर रहे थे और आज पुष्कर सिंह धामी ने नेचुरोपैथी (प्राकृतिक चिकित्सा) डॉक्टरों के पंजीकरण की घोषणा कर इस इंतजार को खत्म किया है।
बच्चों का मानस भारतीयता के अनुसार
पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और योग गुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि जब भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय शिक्षा बोर्ड का गठन कर ऐतिहासिक कार्य कर दिया है। रामदेव ने आगे कहा- 1835 में जो मैकाले पाप करके गया था, उसको साफ करने का कार्य पंतजलि भारतीय शिक्षा बोर्ड के माध्यम से करने जा रहा है। अब भारत में बच्चों का मानस भारतीयता के अनुसार तैयार किया जाएगा।
आयुर्वेद रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में उपयोगी
योगगुरु ने कहा- पतंजलि अनुसंधान संस्थान ने अपने साक्ष्य-आधारित अनुसंधान को दुनिया के प्रमुख शोध पत्रिका में प्रकाशित करवाकर इसे दूर करने का प्रयास किया है। उन्होंने आयुर्वेद को रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और शुद्धिकरण के लिए सर्वाधिक उपयोगी पद्धति बताया है।
आयुर्वेद से सम्पूर्ण विश्व का कल्याण-धामी
इससे पहले आचार्य बालकृष्ण को जन्मदिवस की शुभकामनाएं देते हुए सीएम धामी ने कहा की महान ऋषि परंपरा के अनुगामी, जड़ी-बूटियों के परमज्ञाता और इनका प्रचार-प्रसार कर आयुर्वेद की प्रतिष्ठा बढ़ा रहे आचार्य बालकृष्ण ने आयुर्वेद के क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य किए हैं। आयुर्वेद महज एक चिकित्सा पद्धति नहीं है, इसे एक समग्र मानव दर्शन के रूप में वर्णित किया जा सकता है। आयुर्वेद ऐसी विरासत है जिससे सम्पूर्ण विश्व का कल्याण सुनिश्चित किया जा रहा है।
भारतीय दर्शन में आयुर्वेद जीवन का मूल ज्ञान-धामी
उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान दुनिया ने आयुर्वेद के सिद्धांतों को अपनाया और लाभ पाया। आयुर्वेद जीवन का एक समग्र विज्ञान है, आज दुनिया भर में इसकी स्वीकार्यता है। आयुर्वेद केवल किसी रोगी के उपचार तक सीमित नहीं है बल्कि भारतीय दर्शन में इसे जीवन के मूल ज्ञान के रूप में स्वीकारा जाता है इसलिए इसे पंचम वेद की संज्ञा दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने योग और आयुर्वेद को एक नई पहचान दी है। इस दौरान आचार्य बालकृष्ण ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को हर घर तिरंगा अभियान हेतु विभिन्न स्थानों में फहराने हेतु 50 हज़ार राष्ट्रीय ध्वज (प्रतीकात्मक रूप से) भेंट किए। (रिपोर्ट-दीपक तिवारी)
Latest India News