देहरादून: उत्तराखंड में खच्चर संचालकों की गुंडागर्दी का मामला सामने आया है। इन लोगों ने केदारनाथ जाने वाले एक तीर्थयात्री के साथ उस समय कथित तौर पर मारपीट की जब पीड़ित ने उनमें से एक को घोड़ों को पीटने से मना किया। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
क्या है पूरा मामला
रुद्रप्रयाग पुलिस के सोशल मीडिया प्रकोष्ठ ने बताया कि यह घटना 10 जून को हुई जब दिल्ली के महिपालपुर में रहने वाला एक व्यक्ति केदारनाथ की तीर्थयात्रा पर जा रहा था। पुलिस ने एक बयान में कहा कि उस व्यक्ति ने भीमबली पुल के पास एक घोड़े को दयनीय हालत में पड़ा देखा, तो वह वहीं रुक गया और आसपास के लोगों से उसे बचाने के लिए मदद मांगी, लेकिन कोई आगे नहीं आया।
पीड़ित की शिकायत के अनुसार, इसी बीच उसने देखा कि एक आदमी दूसरे घोड़ों और खच्चरों को पीट रहा है। इस पर तीर्थयात्री ने उसे रोका और उन्हें जानवरों को पीटने से मना किया। शिकायत के अनुसार, इसके बाद घोड़े और खच्चर संचालकों के एक समूह ने उस पर हमला कर दिया और उसे उत्तराखंड से बाहर जाने को कहा।
तीर्थयात्रियों को लाने-ले जाने में इस्तेमाल होते हैं खच्चर
हिमालय में स्थित मंदिर तक तीर्थयात्रियों को लाने-ले जाने के लिए रास्ते में घोड़े और खच्चरों को उपयोग किया जाता है। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया। पुलिस ने कहा कि पीड़ित ने केदारनाथ से लौटते समय 12 जून को सोनप्रयाग थाने में हमलावरों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। बयान में कहा गया है कि उनकी शिकायत पर चार लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इसमें कहा गया है कि हमलावरों के साथ एक नाबालिग भी था, जिसके खिलाफ भी उचित कानूनी कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने कहा कि आरोपियों के लाइसेंस रद्द करने के लिए संबंधित विभाग को सिफारिश भेजी गई है। (इनपुट: भाषा)
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