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Hindi News भारत राष्ट्रीय Uttarakhand: रोकी गई हेमकुंड साहिब यात्रा, सुबह से ही हो रही बारिश और बर्फवारी

Uttarakhand: रोकी गई हेमकुंड साहिब यात्रा, सुबह से ही हो रही बारिश और बर्फवारी

Uttarakhand: हेमकुंड साहिब में सोमवार सुबह से ही बारिश तथा बर्फवारी हो रही है जिससे वहां ठंड बढ़ गई है।मौसम के बिगड़े मिजाज के चलते तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें घांघरिया में ही रुकने को कहा गया है।

<p>Gurudwara Shri Hemkund Sahib covered with a white...- India TV Hindi Image Source : PTI Gurudwara Shri Hemkund Sahib covered with a white blanket of snow(file photo)

Highlights

  • श्रद्धालुओं को छह किलोमीटर पहले ही रोक दिया गया
  • निकल गए तीर्थयात्रियों को वापस लाने आपदा प्रतिवादन बल के जवान भेजे
  • समुद्र तल से लगभग सोलह हजार फुट की ऊंचाई पर है हेमकुंड साहिब गुरूद्वारा

Uttarakhand: उत्तराखंड में खराब मौसम की वजह से श्री हेमकुंड गुरूद्वारे की यात्रा पर जा रहे श्रद्धालुओं को एहतियातन मंजिल से छह किलोमीटर पहले ही रोक दिया गया है। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि हेमकुंड साहिब में सोमवार सुबह से ही बारिश और बर्फवारी हो रही है जिससे वहां ठंड बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि मौसम के बिगड़े मिजाज के चलते तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें घांघरिया में ही रुकने को कहा गया है। 

श्रद्धालुओं को घांघरिया से आगे नहीं जाने दिया जा रहा

उन्होंने बताया कि रविवार को भी हेमकुंड में मौसम खराब रहा। सोमवार को सुबह कुछ समय मौसम ठीक हुआ लेकिन बाद में फिर बारिश और बर्फबारी शुरू हो गई। यात्रा से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि श्रद्धालुओं को घांघरिया से आगे नहीं जाने दिया जा रहा है। सुबह हेमकुंड साहिब के लिए निकल गए तीर्थयात्रियों को भी सकुशल वापस लाने के लिए राज्य आपदा प्रतिवादन बल के जवान भेजे गए हैं ।

हेमकुंड साहिब के लिए करनी पड़ती है लंबी पैदल यात्रा 

सिखों के पवित्र तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब के लिए लंबी पैदल यात्रा करनी पड़ती है। पुष्पावती घाटी में बदरीनाथ राजमार्ग के समीप पुलना गांव से पहले पड़ाव घांघरिया तक पहुंचने के लिए लगभग 11 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है। घांघरिया से हेमकुंड साहिब गुरूद्वारा छह किलोमीटर है जो इस यात्रा का सबसे कठिन हिस्सा है। समुद्र तल से तकरीबन सोलह हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित होने के कारण यहां बारिश और बर्फबारी होती रहती है। 

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