नैनीताल: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने गुरुवार को एक हिंदू महिला को हरिद्वार जिले में स्थित पिरान कलियर शरीफ दरगाह में नमाज पढ़ने की इजाजत दे दी। महिला ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी कि वह पिरान कलियर दरगाह से बहुत प्रभावित है और वहां प्रार्थना करना चाहती है। कोर्ट ने महिला को नमाज पढ़ने की इजाजत देने के साथ ही पुलिस को महिला को सुरक्षा प्रदान करने के निर्देश भी दिए हैं। हाई कोर्ट ने महिला से दरगाह में प्रार्थना करने से पहले अपनी सुरक्षा के लिए क्षेत्र के पुलिस थानाधिकारी को एक पत्र देने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई अब 22 मई को होगी।
महिला ने अदालत को बताया क्यों पढ़ना चाहती है नमाज
इससे पहले जस्टिस मनोज कुमार तिवारी और जस्टिस पंकज पुरोहित की बेंच ने जानना चाहा था कि अपना धर्म न बदलने वाली हिंदू याचिकाकर्ता पिरान कलियर में नमाज क्यों पढ़ना चाहती है। महिला ने अदालत के सामने साफ किया कि वह पिरान कलियर से बहुत प्रभावित है और इसी के चलते वहां नमाज पढ़ना चाहती थी। महिला ने कहा कि उसे दरगाह में नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं दी गयी। महिला ने कहा कि उसे कट्टरवादी संगठनों से खतरा है और वह बिना किसी भय या दबाव के दरगाह में नमाज पढ़ना चाहती है।
13वीं शताब्दी के सूफी संत की दरगाह है कलियर शरीफ
मामला मध्य प्रदेश के नीमच की रहने वाली 22 वर्षीय अविवाहित हिंदू महिला से जुड़ा है जिसने पिरान कलियर में नमाज पढ़ने की इजाजत लेने के लिए याचिका दायर की है और धार्मिक संगठनों से खतरे को देखते हुए सुरक्षा की गुहार लगायी है। याचिका में हिंदू धर्म को मानने वाली महिला ने पिरान कलियर में बिना भय, वित्तीय लाभ, धमकी या दवाब के प्रार्थना करने की इच्छा जाहिर की है। बता दें कि पिरान कलियर शरीफ 13वीं शताब्दी के चिश्ती मत के सूफी संत की दरगाह है। इस दरगाह में काफी दूर-दूर से, यहां तक कि विदेशों से भी बड़ी संख्या में जायरीन आते हैं।
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