India-US 2+2 Ministerial Meeting: वाशिंगटन डीसी में अमेरिका के साथ 2+2 वार्ता के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान में आतंकवाद को लेकर बड़ा बयान दिया है। अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अपने पड़ोसी देश (पाकिस्तान) के नए प्रधानमंत्री (शहबाज़ शरीफ़) को यही संदेश देना चाहेंगे कि वे अपने यहां आतंकवाद पर लगाम लगाने में कामयाबी हासिल करें। हमारी उनको शुभकामनाएं हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि मैंने अमेरिका के लोगों और वहां की कंपनियों से अनुरोध किया हैं कि वे भारत में आकर सह उत्पादन करें, उनका भारत में स्वागत है।
इधर यूएस-इंडिया 2 प्लस 2 की मंत्रिस्तरीय बातचीत में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से बातचीत की। इस दौरान एस जयशंकर ने मंगलवार को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को दो टूक शब्दों में कहा कि भारत की रूसी ऊर्जा की मासिक खरीद यूरोप के एक दिन के मुकाबले कम है। जयशंकर ने एक सवाल के जवाब में कहा कि भारत रूस से जितना तेल 1 महीने में खरीदता है, उतना यूरोपीय देश 1 दिन के दोपहर तक में खरीद लेते हैं। बता दें कि, इससे पहले बाइडन ने कहा था कि रूस से तेल खरीद को बढ़ाना भारत के हित में नहीं है। बाइडन भारत को रूस से सस्ता तेल नहीं खरीदने पर ज्ञान दे रहे हैं लेकिन अपने यूरोपीय मित्र देशों से ऊर्जा के आयात पर चुप्पी साधे हुए हैं।
भारत और अमेरिका के बीच सोमवार को चौथी '2+2' मंत्रिस्तरीय बैठक हुई है। राजनाथ सिंह ने कहा कि मैंने अमेरिका के लोगों और वहां की कंपनियों से अनुरोध किया हैं कि वे भारत में आकर सह उत्पादन करें। उनका भारत में स्वागत है। यूरोप के 2 देश रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच यूएस-इंडिया 2+2 मंत्रिस्तरीय बातचीत में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी हिस्सा लिया। इस दौरान एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से बातचीत की। एस जयशंकर ने रूसी तेल खरीद पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि यदि आप रूस से (भारत की) ऊर्जा खरीद देख रहे हैं, तो मेरा सुझाव है कि आपका ध्यान यूरोप पर होना चाहिए। हम अपनी ऊर्जा सुरक्षा के लिए आवश्यक कुछ ऊर्जा खरीदते हैं, लेकिन मुझे संदेह है, आंकड़ों को देखते हुए, महीने के लिए हमारी खरीदारी यूरोप की दोपहर की (खरीद की) तुलना में कम होगी।
अपने अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन से हुई बातचीत की जानकारी मीडिया को देते हुए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि एक स्वतंत्र, खुला और समावेशी इंडो-पैसिफिक कैसे सुनिश्चित किया जाए, यह भी हमारे एजेंडे में था। हमने अफगानिस्तान और उसके आस-पास की घटनाओं के बारे में बात की, हमारी बातचीत में भारतीय उपमहाद्वीप में हाल की घटनाओं को भी शामिल किया गया।
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