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Hindi News भारत राष्ट्रीय PM Narendra Modi govt 8 years: आरिफ मोहम्मद खान ने कहा-विकसित देशों ने भारत की क्षमता को स्वीकारा, जानिए क्या हैं कारण

PM Narendra Modi govt 8 years: आरिफ मोहम्मद खान ने कहा-विकसित देशों ने भारत की क्षमता को स्वीकारा, जानिए क्या हैं कारण

PM Narendra Modi govt 8 years: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान इंडिया टीवी संवाद महासम्मेलन के पहले मेहमान रहे। आरिफ मोहम्मद ने कहा कि मोदीजी की सरकार में खास बात हुई वो ये है कि विकसित देशों ने भारत की क्षमता को स्वीकार किया।

Arif Mohammad Khan - India TV Hindi Image Source : INDIA TV Arif Mohammad Khan 

Highlights

  • मोदी सरकार के कार्यकाल में विजन बदला: आरिफ
  • 'विकसित देशों ने भारत की क्षमता को माना'
  • मोदी सरकार ने 8 साल के कार्यकाल में विश्व मंचों पर बढ़ाई भारत की धाक

PM Narendra Modi govt 8 years: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान इंडिया टीवी संवाद महासम्मेलन के पहले मेहमान रहे। 8 सालों में मोदी सरकार ने क्या किया, इस पर आरिफ मोहम्मद ने कहा कि पूरी सरकार गतिमान है। जिंदा चीज में या तो अपग्रेडेशन होगा या डिग्रेडेशन होगा। परिवर्तन तो एक नियम है। मोदी सरकार के कार्यकाल में विजन बदला। मोदीजी के कार्यकाल में आत्मविश्वास और राष्ट्रीय स्वाभिमान पैदा हुआ है। हम गुलाम रहे हैं। गुलाम मानसिकता के साथ अपनी ताकत और अपनी क्षमता का अंदाजा नहीं होता है। नरेंद्र मोदी जी ने उस गुलामी की मानसिकता को तोड़ा है। आरिफ मोहम्मद ने कहा कि मोदीजी की सरकार में खास बात हुई वो ये है कि विकसित देशों ने भारत की क्षमता को स्वीकार किया। जानिए वो कौनसे उदाहरण है 

देश की सीमा पर ताकत बढ़ाई

मोदीजी ने नए भारत का विजन बदला है। मोदी सरकार ने देश की रक्षा नीति को अपडेट किया। भय बिन प्रीत न होत गोसाईं, इस ब्रह्मवाक्य को समझा और रक्षा सौदे और रक्षा बजट में बढ़ोतरी की। देश की सीमाएं जब ताकतवर होती हैं, तो आत्मविश्वास बढ़ता है। रूस से एस—400 मिसाइल सिस्टम, अग्नि और पृथ्वी जैसी मिसाइलों की मारक क्षमता और दूरी में बढ़ोतरी, राफेल हवाई जहाज को लाने में तेजी, जिससे की वायुसेना और मजबूत हुई, ये सब मोदी के कार्यकाल में हुआ। पीएम मोदी देश को दुनिया में डिफेंस के मामले में ताकतवर बनाने के प्रति कितने गंभीर रहे, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रक्षा बजट में इस बार हाल के समय की सबसे ज्यादा बढ़ोतरी की। वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए रक्षा मंत्रालय को 525,166.15 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। यह 46,970 करोड़ रुपये या पिछले वर्ष के 478,196 करोड़ रुपये के आवंटन से 10 प्रतिशत अधिक है। इस तरह यह हाल के वर्षों में रक्षा बजट में सबसे बड़ी वृद्धि है।

रूस और अमेरिका दोनों से दोस्ती का संतुलन

रूस के साथ भारत परंपरागत साझेदार रहा है। जब दुनिया पाकिस्तान के कश्मीर मुद्दे को उठाने के बाद उसकी ओर खड़ी होती थी, तब भी रूस ताकत के साथ भारत के साथ खड़ा होता था। ये बात अलग है कि आज कश्मीर पर पाकिस्तान के साथ सिर्फ चीन ही खड़ा है। ऐसे में रूस से हमारे संबंध पारंपरिक हैं, जो अमेरिका को पसंद नहीं है। हाल के यूक्रेन और रूस युद्ध में अमेरिका ने भारत पर पूरा दबाव डाला कि रूस के खिलाफ कमेंट करो, लेकिन भारत ने ऐसा नहीं किया। भारत का मित्र अमेरिका भी है। जिससे सबसे ज्यादा कारोबार होता है। भारत ने अमेरिकी के साथ द्विपक्षीय संबंध भी वैसे ही मजबूत बनाकर रखे हैं, जैसे ट्रंप और मोदी के थे। जो बाइडेन के साथ जापान में हाल में हुए क्वाड सम्मेलन में बराबरी से बैठकर बात की। जो बदलते भारत की ताकत को विश्वपटल पर दर्शाता है।

विश्व के प्रमुख संगठनों में भारत की अहम भूमिका

बिमस्टेक, ब्रिक्स, शंघाइ सहयोग संगठन के साथ ही जी-20 और आसियान के विश्व मंच पर भारत की बात मोदीजी के कार्यकाल में ही सबसे ताकत के साथ रखी गई। 

पाकिस्तान को सार्क से अलग थलग करना

भारत ने पाकिस्तान की करतूतों की वजह से उसे सार्क देशों से अलग थलग कर दिया। यही नहीं उसके समानांतर बिमस्टेक को खड़ा कर लिया। जिसमें भारत के अन्य पड़ोसी देश शामिल हैं। रूस के राष्ट्रपति के साथ रूसी जहाज पर बातचीत करना, शी जिनपिंग को अहमदाबाद बुलाकर झूला झुलाना, ट्रंप को अहमदाबाद के सबसे बड़े स्टेडियम में आमंत्रित करना, ये सभी वाकये बताते हैं कि ये मोदी का भारत, दरअसल बदला हुआ भारत है। 

कोरोनाकाल में दुनिया के देशों की मदद कर वर्ल्ड डिप्लोमेसी में बढ़ाई धाक

भारत ने कोरोनाकाल में वैक्सीन का खुद प्रोडक्शन किया। पूरे देश में महाभियान चलाया। इसकी सफलता का दुनिया ने लोहा माना। यही नहीं एशिया और अफ्रीका के गरीब देशों को वैक्सीन दी। इससे विश्व मंचों पर भारत की धाक बढ़ी।

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