Urban Population: भारत में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी है। पिछले कुछ दशकों में शहरीकरण या अर्बनाइजेशन काफी बढ़ोतरी हुई है। काम की तलाश में गांवों से लोग शहरों में आए और यहीं बस गए। इस कारण शहरों की आबादी भी बढ़ी है। इसी बीच युनाइटेड नेशन की एक रिपोर्ट आई है, जिसमें वर्ष 2035 तक भारत की शहरी आबादी 67.5 करोड़ हो जाने का अनुमान जताया गया है। इस मामले में भारत देश चीन की एक अरब शहरी जनसंख्या के मुकाबले दूसरे स्थान पर होगा।
2050 तक इतनी बढ़ जाएगी दुनिया की शहरी जनसंख्या
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। रिपोर्ट के अनुसार कोविड-19 महामारी के बाद दुनिया में शहरों में रहने वालों की संख्या पिछले स्तर पर पहुंच गई है और 2050 तक इसमें 2.2 अरब की बढ़ोतरी की संभावना है। दुनिया में शहरीकरण के बारे में संयुक्त राष्ट्र की बुधवार को रिपोर्ट जारी की गई। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि तेजी से शहरीकरण पर कोविड-19 महामारी का अस्थायी असर पड़ा है और इसकी रफ्तार महज थोड़ी देरी के लिये धीमी पड़ी है। इसमें कहा गया है कि वैश्विक शहरी आबादी पिछले स्तर पर आ गई है और 2050 तक इसमें 2.2 अरब की वृद्धि का अनुमान है।
2035 तक 43.2 फीसदी आबादी हो जाएगी शहरी
रिपोर्ट के अनुसार भारत की शहरी आबादी के 2035 में 67 करोड़ 54 लाख 56,000 तक पहुंच जाने का अनुमान है जो 2020 में 48 करोड़ 30 लाख 99,000 था। वहीं 2025 तक इसके 54,27,43000 और 2030 तक 60,73,42,000 हो जाने की संभावना है। इसमें कहा गया है कि वर्ष 2035 तक शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों का प्रतिशत कुल आबादी का 43.2 प्रतिशत हो जाएगा।
चीन की शहर आबादी 8 साल में हो जाएगी 1.05 अरब
रिपोर्ट में चीन के बारे में कहा गया है कि वहां 2030 तक शहरी आबादी 1.05 अरब हो जाएगी। जबकि एशिया में शहरों में रहने वाले लोगों की जनसंख्या 2.99 अरब होगी। दक्षिण एशिया में यह संख्या 98.76 करोड़ होगी। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार चीन और भारत जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की वैश्विक आबादी में बड़ी हिस्सेदारी है तथा इन देशों में आर्थिक वृद्धि से वैश्विक असमानता पर सकारात्मक रूप से असर पड़ा है।
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