UPI: वित्त मंत्रालय ने रविवार को कहा कि ‘यूनाइटेड पेमेंट इंटरफेस’ (UPI) लोगों के लिए एक उपयोगी डिजिटल सेवा है और इस पर शुल्क लगाने का सरकार कोई विचार नहीं कर रही है। मंत्रालय का यह बयान पेमेंट सिस्टम में शुल्क पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के चर्चा पत्र से पैदा हुई आशंकाओं को दूर करता है। RBI के सुझाव में कहा गया है कि UPI पेमेंट पर अलग-अलग अमाउंट की कैटेगरी में शुल्क लगाया जा सकता है। बता दें कि अभी, यूपीआई के जरिये पेमेंट करने पर कोई शुल्क नहीं लगता है।
UPI सेवाओं के लिए कोई शुल्क नहीं
वित्त मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘यूपीआई लोगों के लिए एक उपयोगी सेवा है, जिससे लोगों को काफी सुविधा होती है और अर्थव्यवस्था की उत्पादकता बढ़ती है। UPI सेवाओं के लिए सरकार कोई शुल्क लगाने पर विचार नहीं कर रही है। लागत की वसूली के लिए सर्विस प्रोवाइडर की चिंताएं दूसरे माध्यमों से पूरी करनी होंगी।’’ वित्त मंत्रालय ने अगले ट्वीट में कहा कि सरकार ने पिछले साल डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की थी और इस साल भी डिजिटल पेमेंट को अपनाने और किफायती बनाने और उपयोगकर्ता के अनुकूल भुगतान प्लेटफार्मों को बढ़ावा देने के लिए इसकी घोषणा की है।
छह अरब UPI ट्रांजेक्शन ऐतिहासिक, पीएम मोदी ने सराहा
बता दें कि कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) के जरिये जुलाई महीने में रिकॉर्ड छह अरब ट्रांजेक्शन को ऐतिहासिक उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि यह नई तकनीकों को अपनाने और अर्थव्यवस्था को ‘स्वच्छ’ बनाने के लोगों के सामूहिक संकल्प को दर्शाता है। मोदी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ट्वीट के जवाब में यह बात कही। सीतारमण ने मीडिया रिपोर्ट ‘टैग’ करते हुए ट्विटर पर लिखा है, ‘‘UPI के जरिये जुलाई में रिकॉर्ड छह अरब लेन-देन हुए। यह 2016 से अबतक सर्वाधिक आंकड़ा है।’’
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