UPA vs NDA: 2014 से पहले और उसके बाद, कितना बदला देश का सड़क, रेल और हवाई नेटवर्क?
2021-22 (सितंबर तक) में, 3,824 किलोमीटर सड़क नेटवर्क का निर्माण किया गया था। सर्वे के अनुसार, 2020-21 में सड़क निर्माण में महत्वपूर्ण वृद्धि सार्वजनिक व्यय में पिछले वर्ष की तुलना में 29.5 प्रतिशत की वृद्धि के कारण हो सकी है।
Highlights
- एनडीए के आने के बाद बुनियादी ढांचे पर हुआ काम
- महज सात साल में करीब दोगुनी हुई एयरपोर्ट की संख्या
- भारतीय रेलवे के विकास के लिए हुए अभूतपूर्व काम
UPA vs NDA: इन्फ्रास्ट्रक्चर किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी माना जाता है। जिसमें रेलवे और सड़क से लेकर एयरपोर्ट तक आते हैं। अगर हम रेलवे की बात करें, तो भारतीय रेलवे दुनिया में चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है। जो न केवल परिवहन का अहम साधन है, बल्कि यात्रियों के साथ-साथ आर्थिक परिवहन को भी सेवाएं प्रदान करता है। इसका काम भारत की औद्योगिक, उपभोक्ता और कृषि क्षेत्र से जुड़ी वस्तुओं और ईंधन की ढुलाई करना भी है। ऐसे में देश के विकास में रेलवे अहम योगदान देता है। हालांकि अगर बात रेलवे की करें, सड़कों की करें या फिर हवाई यातायात के हिस्से एयरपोर्ट की करें, सभी में काफी परिवर्तन देखने को मिला है। आज इसी के बारे में विस्तार से बात कर लेते हैं-
नेशनल हाईवे
केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नीतिन गडकरी ने हाल में ही कहा था कि सरकार वर्ष 2025 तक राष्ट्रीय राजमार्ग के नेटवर्क को दो लाख किलोमीटर तक पहुंचाने की दिशा में काम कर रही है। इंडियन रोड कांग्रेस (आईआरसी) के एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने यह बात कही थी। गडकरी ने बुनियादी ढांचे के विकास में गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने के लिए नए विचारों, शोध निष्कर्षों और प्रौद्योगिकियों के लिए ‘इनोवेशन बैंक’ की स्थापना का भी प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा, 'हमारी सरकार वर्ष 2025 तक राष्ट्रीय राजमार्ग के नेटवर्क को दो लाख किलोमीटर तक पहुंचाने के लिए काम कर रही है।'
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पिछले आठ साल के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग की लंबाई 50 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 1.47 लाख किलोमीटर हो गई है, जो 2014 में 91,000 किलोमीटर थी। उन्होंने कहा कि सरकार पूर्वोत्तर राज्यों में विकास के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम (एनएचआईडीसीएल) इस क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। गडकरी ने कहा, ‘पूर्वोत्तर क्षेत्र में अबतक 45,000 करोड़ रुपये की लागत से 2,344 किलोमीटर राजमार्ग का निर्माण हुआ है।’
एक इकॉनमिक सर्वे में सामने आया, 2013-14 के बाद राष्ट्रीय राजमार्गों/सड़कों के निर्माण में लगातार वृद्धि हुई है, 2019-20 में 10,237 किलोमीटर की तुलना में 2020-21 में 13,327 किलोमीटर का निर्माण किया गया है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 30.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है, "बुनियादी ढांचा किसी भी अर्थव्यवस्था की रीढ़ होता है।" इसमें बताया गया कि 2021-22 (सितंबर तक) में, 3,824 किलोमीटर सड़क नेटवर्क का निर्माण किया गया था।
सर्वे के अनुसार, 2020-21 में सड़क निर्माण में महत्वपूर्ण वृद्धि सार्वजनिक व्यय में पिछले वर्ष की तुलना में 29.5 प्रतिशत की वृद्धि के कारण हो सकी है। सरकार ने इस महत्वपूर्ण क्षेत्र को काफी प्रोत्साहन दिया है, जिसके चलते महामारी के बीच भी न केवल इससे जुड़ी योजनाओं के जरिए रोजगार उत्पन्न हुआ बल्कि बुनियादी ढांचे का भी विकास हुआ है।
एयरपोर्ट
लोकसभा में बोलते हुए केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि सरकार की योजना 2025 तक एयरपोर्ट की संख्या 140 से बढ़ाकर 220 करने की है। ऐसे समय में जब वैश्विक एयरलाइन इंडस्ट्री कठिनाइयों का सामना कर रही है, सिंधिया ने बताया था कि दो नई एयरलाइंस, जेट और अकासा, जल्द ही अपनी सेवाएं शुरू करेंगी। आपको बता दें, आज यानी 7 अगस्त से अकासा एयर ने अपनी सेवाएं देना शुरू कर दिया है। इसकी पहली फ्लाइट को सिंधिया ने ही हरी झंडी दिखाई है। एयरलाइन की पहली फ्लाइट मुंबई से अहमदाबाद के लिए रवाना हुई है।
सिंधिया ने सदन को संबोधित करते हुए कहा था कि देश में 2014 तक केवल 74 एयरपोर्ट थे। जबकि बीते 7 साल में 66 नए एयरपोर्ट का निर्माण किया गया। सिंधिया ने कहा था, 'हमने क्षमता को करीब दोगुना कर दिया है (सात साल में)। हमारा संकल्प अब 2025 तक इस संख्या को 220 तक ले जाने का है।' नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के आंकड़ों के अनुसार, 2021 में घरेलू उड़ानों में 8.38 करोड़ लोगों ने यात्रा की, जबकि 2020 में 6.3 करोड़ लोगों ने यात्रा की थी। इस दौरान कोरोना वायरस महामारी के कारण ये कमी देखी गई। यात्रियों की संख्या 2013-14 में 6.70 करोड़ से बढ़कर 2018-19 में 14.50 करोड़ हो गई। विमानों की संख्या भी 2013-14 से 400 से बढ़कर 2018-19 तक 710 हो गई।
सिंधिया ने ये भी कहा कि सरकार ने 33 नए घरेलू कार्गो टर्मिनल बनाने, पायलटों के लिए 15 नए उड़ान प्रशिक्षण स्कूल स्थापित करने, अधिक रोजगार पैदा करने और ड्रोन क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि उन्नत तकनीकों का उपयोग करके पायलट लाइसेंस देने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कदम उठाए जाएंगे। भारत में 15 फीसदी से अधिक पायलट महिलाएं हैं, जबकि वैश्विक औसत 5 फीसदी है। उन्होंने इसे महिला सशक्तिकरण का एक और उदाहरण बताया है।
रेलवे
यूपीए सरकार के कार्यकाल में 2014 से पहले 712 ट्रेनों का विस्तार किया गया और 306 ट्रेनों की फ्रिक्वेंसी बढ़ाई गई। ट्रेक मार्क किलोमीटर में महज 3.1 फीसदी की वृद्धि हुई है। इसके साथ ही नई लाइन बिछाए जाने के बजाय पुरानी का दोहरीकरण हुआ। रेलवे में सफाई, समय के पालन, शिष्टाचार और आपदा प्रबंधन को लेकर खराब गुणवत्ता के कारण यात्री परेशान रहे हैं। 2014 के बाद एनडीए सरकार सत्ता में आई। जिसमें रेलवे में तमाम तरह के सुधारों की घोषणा की गई। एनडीए सरकार के आते ही नई पटरियों को बिछाने, मौजूदा लाइन का दोहरीकरण और नैरो गेज को ब्रॉड गेज में बदलने का काम तीन गुना तक हुआ है।
एनडीए सरकार के कार्यकाल में 2014-2017 तक 7,666 किमी ट्रैक बिछाए गए, जो 2009-12 के बीच यूपीए की तुलना में 794 किलोमीटर अधिक है। वंदे भारत ट्रेन शुरू की गई हैं। 18000 किलोमीटर रेलवे के विद्युतीकरण का काम हुआ और यही रेलवे महामारी के समय लोगों के लिए लाइफलाइन बना है। यात्रियों की सुरक्षा, चिकित्सा और अन्य सेवाओं के लिए कई कदम उठाए गए। आपात स्थिति में लोग मदद मांग सकें, इसके लिए अखिल भारतीय सुरक्षा और यात्री हेल्पलाइन नंबर क्रमशः 182 और 138 शुरू किए गए। मुंबई से अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना के लिए भारत और जापान के बीच समझौता हुआ है। भारतीय रेलवे ने साल 2009-14 से 1528 किलोमीटर के औसत के मुकाबले 2015-16 में 2828 किलोमीटर ब्रॉड गेज लाइनों को शुरू किया है।