N.r. Narayana Murthy: आईटी सेक्टर के बेताज बादशाह और इंफोसिस के सह-संस्थापक एन आर नारायण मूर्ति ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि भारत में आर्थिक गतिविधियां यूपीए के शासन के दौरान ठप थी। उन्होंने आगे कहा कि डॉ मनमोहन सिंह एक असाधारण व्यक्ति रहे हैं और मेरे मन में उनके लिए बहुत ही सम्मान है। आईआईएम (IIM) अहमदाबाद के एक कार्यक्रम में वो युवाओं से खास बातचीत कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने कहा कि तत्कालीन यूपीए सरकार कोई फैसला लेने में काफी देरी करती थी। वो फैसले तेजी से नहीं लेते थे।
भारत का नाम नहीं लिया जाता था
उन्होंने कहा कि "मैं कई सालों तक लंदन में एचएसबीसी (HSBC) के बोर्ड में रहा। जहां तक हमें याद है कि मैं साल 2004 से 2012 तक बोर्ड में था। हालांकि मुझे अच्छे से याद नहीं है। उन्होंने कहा कि शुरूआत के दो तीन-साल में तब बोर्डरुम की बैठकों में चीन का जिक्र दो-तीन बार होता था। उस दौरान बमुश्किल से भारत का नाम एक बार आता था। मुझे याद नहीं है कि आगे क्या हुआ।
इसके बाद उन्होंने कहा कि जिस समय मैंने बोर्ड छोड़ा, तब चीन का नाम 30 बार लिया जाता था तो वहीं भारत का नाम शायद एक बार लिया जाता था या फिर लिया भी नहीं जाता था। उन्होंने कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए कहा कि ऐसे में मैं मानता हूं कि ये आपकी (युवाओं) जिम्मेदारी है कि दुनिया भर में लोग भारत का नाम लें, जब किसी भी वो दूसरे देश का नाम ले रहे हो. खासतौर चीन"
Infosys की कैसी रखी नींव
आपको बता दें कि नारायण मूर्ति ने साल 1981 में अपने 6 साथियों के साथ एक कंपनी शुरू करने की योजना बनाई। आपको जानकर हैरानी होगी कि उस समय नारायण मुर्ति अपनी वाइफ सुधा के साथ एक कमरे के मकान में रहा करते थे। इस कंपनी को शुरूआत करने में पत्नी ने काफी सहयोग किया था। मूर्ति ने अपनी पत्नी से दस हजार रुपये उधार लेकर कंपनी डाली थी। मूर्ति और उनके साथियों ने इस कंपनी का नाम Infosys रखा। इसकी नींव पुणे के एक अपार्टमेंट में रखी गई।
साल 1983 में कंपनी का मुख्यालय पुणे से बेंगलुरु शिफ्ट कर दिया गया। वर्तमान में इस कंपनी का बिजनेस अमेरिका, इंग्लैंड सहित दुनिया के कई देशों में फैला हुआ है। अगर आपने नारायण मूर्ति का इंटरव्यू देखा होगा तो आपको याद जरुरू होगा। नारायण ने कई इंटरव्यू में अपनी पत्नी से पैसे लेने का जिक्र बड़े ही गर्व से बताते हैं।
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