UP News: सपा नेता के हत्याकांड में 2005 से फरार था आरोपी, 17 साल बाद एमपी से हुआ गिरफ्तार
UP News: समाजवादी पार्टी के नेता शिवसागर सिंह की हत्या साल 2005 में उनकी एसयूवी पर बम से हमला करके की गई थी। इसके बाद गिरीश उत्तर प्रदेश से फरार हो गया।
Highlights
- आरोपी पर 1 लाख रुपये का था इनाम
- आरोपी के पिता की हुई थी हत्या
- दोनों पक्ष से 5 लोगों की हो चुकी है हत्या
UP News: उत्तर प्रदेश के कौशांबी में समाजवादी पार्टी के नेता की सनसनीखेज हत्या के मामले में करीब दो दशक से फरार चल रहे अहम आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी गिरीश मिश्रा पर एक लाख रुपये के इनाम घोषित था। पुलिस के अधिकारियों ने रविवार को इसकी जानकारी दी। हत्या के बाद आरोपी ने अपने कई ठिकाने बदले थे।
साल 2005 में हुई थी हत्या
अधिकारियों के मुताबिक बिहार से महाराष्ट्र तक अपना ठिकाना बदलते रहने के बाद आरोपी गिरीश ने अंतत: मध्य प्रदेश के सीहोर में बसने का फैसला किया। उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल (STF) ने 15 जुलाई को उसे सीहोर से गिरफ्तार कर लिया। समाजवादी पार्टी के नेता शिवसागर सिंह की हत्या साल 2005 में उनकी एसयूवी पर बम से हमला करके की गई थी। इसके बाद गिरीश उत्तर प्रदेश से फरार हो गया। पुलिस उपाधीक्षक (Prayagraj STF) नवेंदु कुमार ने PTI को बताया कि गिरीश ने अपना नाम और रूप बदल लिया, ताकि उत्तर प्रदेश पुलिस से बचा जा सके। उन्होंने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने के लिए एक लाख रुपये इनाम की घोषणा की थी।
15 साल की उम्र में लिया था बदला लेने का प्रण
कुमार ने कहा, ‘‘गिरीश ने अभी पिछले ही महीने अपनी बदली हुई पहचान के साथ सीहोर में एक नई व्यावसायिक योजना शुरू की थी, लेकिन 27 फरवरी, 2005 को हत्या के मामले में उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से वह कभी कौशाम्बी नहीं गया था।’’ अधिकारी ने कहा कि गिरीश के पिता सियालाल मिश्रा की वर्ष 1994 में सिंह के लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसके बाद उसने 15 साल की उम्र में हत्या का बदला लेने का प्रण लिया था। सियालाल की हत्या के मामले में प्राथमिकी वर्ष 1999 में दर्ज की गई थी। गिरीश ने सिंह के निजी अंगरक्षक और उनके चचेरे भाई की हत्या कर दी, इन दोनों पर उसके पिता की छाती पर गोली बरसाने का आरोप था।
आरोपी को पिता की हुई थी हत्या
कुमार ने कहा कि इस हत्या के मामले में गिरीश को थोड़े दिन बाद ही गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया। उन्होंने कहा कि जेल में रहते हुए गिरीश को पता चला कि उसके बड़े भाई और एक चचेरे भाई की एक सड़क हादसे में तब मौत हो गई, जब वे उसके पिता की हत्या के मामले में सुनवाई के लिए प्रयागराज जा रहे थे। उन्होंने बताया कि गिरीश वर्ष 2005 में जमानत पर रिहा हुआ और उसने शिवसागर को फिर से निशाना बनाना शुरू कर दिया, जिनका राजनीतिक प्रभाव इस दौरान बहुत बढ़ गया था। पुलिस के अधिकारी ने बताया कि 27 फरवरी, 2005 को जब शिवसागर सिंह अपनी कार से अपने सहयोगियों के साथ एक निजी समारोह से लौट रहे थे, तो कौशांबी के सिराथू स्थित रेलवे क्रॉसिंग पर गिरीश और उसके चचेरे भाई रुद्र ने उन पर राइफल और बम से हमला कर दिया। उन्होंने कहा हमले में आई गंभीर चोट के कारण सिंह की मौत हो गई, जिससे उत्तर प्रदेश में कड़ी राजनीतिक प्रतिक्रिया हुई।
दोनों पक्षों में थे पहले अच्छे संबंध
अधिकारी ने कहा कि इसके बाद गिरीश और रुद्र राज्य से भाग गए, लेकिन रुद्र अब भी फरार है और उसे गिरफ्तार करने के प्रयास जारी हैं। अधिकारी ने बताया कि सियालाल मिश्र और शिवसागर सिंह संपन्न परिवार से थे और उनके बीच अच्छे संबंध थे, इसलिए दोनों ने साझेदारी में एक स्कूल खोलने का फैसला किया, लेकिन स्कूल की कमाई के बंटवारे को लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया। इसके बाद एक दिन शिवसागर सिंह अपने अंगरक्षक रामलोचन और अन्य के साथ अपने खेत में मौजूद सियालाल के पास पहुंचे। वहां, दोनों में विवाद होने पर रामलोचन ने सियालाल को गोली मार दी। गिरीश अपने पिता को अस्पताल ले जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। पुलिस उपाधीक्षक कुमार ने कहा कि दोनों पक्षों से अब तक 5 लोगों की हत्या हो चुकी है।