नक्सलियों-आतंकियों को करते थे हथियारों की सप्लाई, CRPF के सुरक्षाकर्मियों समेत 24 को 10 साल की सजा
उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने 2010 के एक मामले में अपराधियों, नक्सलियों और आतंकियों को हथियार सप्लाई करने के मामले में सीआरपीएफ और यूपी पुलिस के सुरक्षाकर्मियों समेत कुल 24 लोगों को जेल की सजा सुनाई है।
रामपुर: उत्तर प्रदेश के रामपुर की एक अदालत ने 2010 में अपराधियों, नक्सलियों और आतंकवादियों को हथियार और गोला-बारूद की सप्लाई करने के जुर्म में CRPF के दो हवलदारों एवं अन्य सुरक्षाकर्मियों सहित 24 लोगों को 10 साल की सजा सुनाई है। अदालत ने इस सभी के ऊपर 10-10 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (ADGC) प्रताप सिंह मौर्य ने शनिवार को बताया कि जिला सेशन कोर्ट के स्पेशल जज विजय कुमार ने गुरुवार को आरोपियों को दोषी ठहराया और शुक्रवार को फैसला सुनाया। मौर्य ने बताया कि केस के मुख्य आरोपी यशोदानंद की मुकदमे की सुनवाई के दौरान ही मौत हो गई थी। वह प्रयागराज में यूपी पुलिस का रिटायर्ड सब-इंस्पेक्टर था।
यूपी पुलिस और PAC में हैं 14 गुनहगार
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता ने कहा कि जिन अन्य लोगों को सजा सुनायी गयी, उनमें विनोद पासवान और विनेश कुमार (दोनों CRPF में हवलदार), नाथीराम (कांस्टेबल, जो पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज, मुरादाबाद में तैनात था), कांस्टेबल राम किशन शुक्ला, रामकृपाल, सुशील कुमार मिश्रा, जितेंद्र कुमार सिंह, राजेश शाही, अमर सिंह, वंश लाल, अखिलेश कुमार पांडे, अमरेश मिश्रा, दिनेश कुमार, राजेश कुमार, मनीष राय, मुरलीधर शर्मा, विनोद कुमार सिंह, ओम प्रकाश सिंह, राज्य पाल सिंह, लोकनाथ, बनवारी लाल, आकाश, दिलीप राय और शंकर शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इनमें से दिलीप राय, आकाश, मुरलीधर शर्मा और शंकर आम नागरिक हैं अभियुक्तों में से 14 व्यक्ति वर्तमान में यूपी पुलिस और PAC में सेवारत हैं।
10 अप्रैल 2010 को हुई थी पहली गिरफ्तारी
मौर्य कहा कि ये सभी जमानत पर थे और अदालत ने अपना फैसला सुनाने के लिए उन्हें हिरासत में ले लिया था और दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया। घटना के बारे में विस्तार से बताते हुए ADGC ने कहा कि 10 अप्रैल 2010 को STF ने रामपुर जिले के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के ज्वाला नगर रेलवे क्रॉसिंग के पास से CRPF के 2 हवलदारों को गिरफ्तार किया और उनके पास से उसने एक इंसास राइफल, कारतूस और कैश बरामद किया। मौर्य ने बताया कि उसके बाद इन दोनों से मिली जानकारी के आधार पर STF ने यशोदानंद (रिटायर्ड सब-इंस्पेक्टर) और मुरादाबाद पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज में तैनात कांस्टेबल नाथीराम को गिरफ्तार किया।
डायरी के आधर पर गिरफ्तार हुए थे अन्य 21 लोग
मौर्य ने बताया कि 29 अप्रैल 2010 को STF के आमोद कुमार ने एक केस दर्ज कराया था जिसमें यशोदानंद, विनोद पासवान और विनेश कुमार को नामजद किया गया था। उनके अनुसार यशोदानंद के पास से 1.75 लाख रुपये बरामद किये गये और उनकी निशानदेही पर नाथीराम को PTC मुरादाबाद से गिरफ्तार कर बरामदगी की गई। नाथीराम के खिलाफ मुरादाबाद में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। मौर्य के मुताबिक छानबीन के दौरान नाथीराम के पास से एक डायरी बरामद हुई और उस डायरी के आधार पर जांच के दौरान 21 अन्य को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में कुल 25 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी जिनमें यशोदानंद की सुनवाई के दौरान मौत हो जाने से शेष 24 आरोपियों को सजा सुनाई गई। (भाषा)