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Hindi News भारत राष्ट्रीय 'बांग्लादेश में गुरुद्वारों और मंदिरों की सुरक्षा करें', केंद्रीय मंत्री ने एस जयशंकर को लिखा पत्र

'बांग्लादेश में गुरुद्वारों और मंदिरों की सुरक्षा करें', केंद्रीय मंत्री ने एस जयशंकर को लिखा पत्र

बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार समाप्त हो चुकी है और इसके बाद अल्पसंख्यकों पर हमले भी तेज हो गए हैं। इस बीच केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को गुरुद्वारों और मंदिरों की सुरक्षा के लिए पत्र लिखा है।

बांग्लादेश में गुरुद्वारों और मंदिरों पर संकट।- India TV Hindi Image Source : PTI बांग्लादेश में गुरुद्वारों और मंदिरों पर संकट।

बांग्लादेश में जारी प्रदर्शन और हिंसा के बीच अब हिंदुओं और अल्पसंख्यकों पर हमले तेज हो गए हैं। उपद्रवियों ने दर्जनों मंदिरों पर हमला किया है और उन्हें नुकसान पहुंचाया है। ऐसे में किसी बड़े खतरे की संभावना को देखते हुए केंद्रीय रेल और खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को बांग्लादेश में गुरुद्वारों और मंदिरों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने के लिए पत्र लिखा है। बिट्टू ने विदेश मंत्री से बांग्लादेश के समक्ष यह मुद्दा उठाने को कहा है।

बांग्लादेश में सेना से बात की जाए- बिट्टू

रवनीत बिट्टू ने मंगलवार को बांग्लादेश में धार्मिक स्थलों पर हमलों पर चिंता व्यक्त की और ढाका में स्थित सिख धार्मिक स्थलों और देश में हिंदू मंदिरों की सुरक्षा की मांग की है। उन्होंने विदेश मंत्री को एक आधिकारिक पत्र लिखते हुए विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर से आग्रह किया कि वे बांग्लादेश में सेना के अधिकारियों के समक्ष ढाका में स्थित दो ऐतिहासिक सिख धार्मिक स्थलों गुरुद्वारा नानक शाही और गुरुद्वारा संगत टोला की सुरक्षा का मुद्दा उठाएं। 

भारत विरोधी तत्व उत्पात मचा रहे हैं

बिट्टू ने कहा कि गुरु नानक देव जी और गुरु तेग बहादुर साहिब ने ढाका का दौरा किया था और उनकी याद में ये गुरुद्वारे बनाए गए थे। बिट्टू ने कहा कि बांग्लादेश में सिखों की आबादी बहुत कम है और कुछ भारत विरोधी तत्व धार्मिक स्थलों पर उत्पात मचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सिख समुदाय सिख धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। उन्होंने बांग्लादेश और भारत में सिख समुदाय को आश्वासन दिया कि भारत सरकार सिख तीर्थस्थलों की सुरक्षा के लिए कदम उठाएगी।

संसद भंग-खालिदा जिया रिहा

बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने आज 7 जनवरी के राष्ट्रीय चुनाव के माध्यम से गठित 12वीं संसद को भंग कर दिया। संसद को भंग करने का निर्णय सशस्त्र बलों के तीन कर्मचारियों के प्रमुखों, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं, नागरिक समाज के प्रतिनिधियों और भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के नेताओं के साथ राष्ट्रपति की चर्चा के बाद लिया गया। बीएनपी अध्यक्ष खालिदा जिया को भी रिहा कर दिया गया है। 

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