केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि भारत में सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि हुई है। ऐसी स्थिति में सुधार लाने के लिए मानवीय व्यवहार में बदलाव लाना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि जब उन्होंने पहली बार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री का कार्यभार संभाला था, तब उन्होंने दुर्घटनाओं में 50 फीसदी की कमी लाने का लक्ष्य रखा था। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक नितिन गडकरी ने कहा, 'दुर्घटनाओं की संख्या में कमी की बात तो भूल ही जाइए, मुझे यह स्वीकार करने में कोई झिझक नहीं है कि इसमें वृद्धि हुई है।'
नितिन गडकरी बोले- चेहरा छिपाने की कोशिश करता हूं
उन्होंने कहा कि जब मैं जब मैं अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लेने जाता हूं, जहां सड़क दुर्घटनाओं पर चर्चा होती है, तो मैं अपना चेहरा छिपाने की कोशिश करता हूं। प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि चीजों को बेहतर बनाने के लिए भारत में मानवीय व्यवहार को बदलना होगा, समाज को बदलना होगा और कानून के शासन का सम्मान करना होगा। नितिन गडकरी ने कहा कि देश में सड़क दुर्घटनाओं में हर साल 1.78 लाख लोगों की जान जाती है और इनमे से 60 फीसदी पीड़ित 18-34 वर्ष की आयु के होते हैं।
सड़क हादसे के मामले में कौन सा राज्य अव्वल
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 23,000 से अधिक लोग (सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली कुल मौतों का 13.7%) मारे गए हैं, इसके बाद तमिलनाडु में 18,000 से अधिक (10.6%) मौतें हुई हैं। महाराष्ट्र में यह आंकड़ा 15,000 से अधिक (कुल मौतों का 9%) है, इसके बाद मध्य प्रदेश में 13,000 (8%) से अधिक मौतें हुई हैं। उन्होंने कहा कि शहरों में, दिल्ली सालाना 1,400 से अधिक मौतों के साथ शीर्ष पर है, दूसरे स्थान पर 915 मौतों के साथ बेंगलुरु है। गडकरी ने यह भी कहा कि सड़क पर ट्रक पार्क करना दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण हैं और कई ट्रक लेन अनुशासन का पालन नहीं करते हैं।
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