उमेश पाल हत्याकांड में बड़ा खुलासा, जेल में लगातार अपने गुर्गों से मिलता था अतीक का भाई अशरफ, जांच शुरू
आरोपों के मुताबिक अशरफ का साला सद्दाम अपने साथी लल्ला गद्दी और दूसरे साथियों के साथ बिना पर्ची के जेल में अशरफ से मिलता था। एक या दो आईडी पर छह से सात लोग अशरफ से मिलते थे।
लखनऊ: प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड में एक बड़ा खुलासा हुआ है। इस हत्याकांड का आरोपी और माफिया अतीक अहमद का भाई ख़ालिद अज़ीम उर्फ़ अशरफ बरेली जेल में लगातार अपने साले सद्दाम और अन्य गुर्गों से मुलाकात कर रहा था। अशरफ बीएसपी विधायक राजू पाल की हत्या का मुख्य आरोपी है। अशरफ बरेली जेल में बंद है। आज पुलिस ने बरेली जेल के एक आरक्षी शिवहरि अवस्थी और जेल में सब्ज़ी सप्लाई करने वाले नन्हे उर्फ दयाराम को गिरफ्तार किया है। ये दोनों रुपये लेकर माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ की अवैध तरीके से मुलाकात कराते थे और जेल में अशरफ को सामान सप्लाई करते थे। बता दें कि साबरमती जेल में बंद माफिया अतीक अहमद और बरेली जेल में बंद अतीक के भाई अशरफ़ पर आरोप है कि दोनों ने जेल से उमेश पाल की हत्या की साज़िश की।
जेल में अपने गुर्गों से मिलता था अशरफ
आरोपों के मुताबिक अशरफ का साला सद्दाम अपने साथी लल्ला गद्दी और दूसरे साथियों के साथ बिना पर्ची के जेल में अशरफ से मिलता था। एक या दो आईडी पर छह से सात लोग अशरफ से मिलते थे। जेल में मुलाकात का टाइम 40 मिनट होता है लेकिन अशरफ जेल में इनसे दो से ढाई घंटे मिलता था। ये मुलाकात जेल के अंदर गोदाम में होती थी। इन मुलाकातों का इंतजाम मुलाक़ात बरेली जेल का आरक्षी शिवहरी अवस्थी करता था।
पुलिस ने पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया
पुलिस के मुताबिक नन्हे उर्फ दयाराम बरेली जेल में सुबह कैंटीन का सामान और सब्ज़ी ले जाता था उसी सामान में नन्हें अशरफ के खाने-पीने का सामान और पैसा लेकर जाता था। नन्हें को जेल के बाहर रुपये और सामान अशरफ का साला सद्दाम देता था । अशरफ 2020 में नैनी जेल से बरेली जेल शिफ्ट किया गया था तब से ही सद्दाम बरेली में रह रहा था। सद्दाम ने यहां बारादरी थाने में फाईक एन्क्लेव में मुश्ताक के नाम से मकान किराए पर ले रखा है। पुलिस ने पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी बना दी है।
अशरफ से बरेली जेल में 45 लोग मिल चुके हैं
अभी तक की जांच में पता चला है कि अशरफ से बरेली जेल में 45 लोग मिल चुके हैं।अब इन मिलने वालों के नाम देखे जा रहे हैं और पता किया जा रहा है कि ये आखिर कौन हैं? अशरफ प्रयागराज में हुई उमेश पाल की हत्या में आरोपी नम्बर दो है। यूपी की योगी सरकार माफियाओं की नकेल कस रही है। माफियाओं की अवैध सम्पत्ति पर बुलडोज़र चल रहा है। वहीं जेल में बंद माफियाओं की मदद करने वालो की भी शामत आ गई है। आपको बता दे कि चित्रकूट जेल के जेल अधीक्षक अशोक कुमार सागर,जेलर संतोष कुमार और जेल वार्डन जगमोहन सिंह को कल पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।इन तीनों पर आरोप है कि ये चित्रकूट जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी से रुपये लेते थे और अब्बास की मुलाकात उसकी पत्नी से कराते थे। चित्रकूट जेल में पिछले दिनों छापे में अब्बास अंसारी की पत्नी जेल के अंदर मिली थीं।
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