CJI चंद्रचूड़ ने 2 नए जजों को शपथ दिलाई, सुप्रीम कोर्ट में अब जजों की संख्या बढ़कर 32 हुई
देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को जस्टिस उज्ज्वल भुइयां और जस्टिस एस. वेंकटनारायण भट्टी को शपथ दिलाई।
नई दिल्ली: देश के चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को जस्टिस उज्ज्वल भुइयां और जस्टिस एस. वेंकटनारायण भट्टी को शपथ दिलाई। इसके साथ ही अब सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या बढ़ कर 32 हो गई। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में कुल 34 जज नियुक्त किए जा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के सभागार में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में चीफ जस्टिस ने दोनों नए जजों को पद की शपथ दिलाई। जस्टिस भुइयां तेलंगाना हाई कोर्ट के और जस्टिस भट्टी केरल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थे।
12 जुलाई को केंद्र सरकार ने दी थी मंजूरी
केंद्र सरकार ने बुधवार को जस्टिस उज्ज्वल भुइयां और जस्टिस एस. वेंकटनारायण भट्टी के नामों को मंजूरी दे दी थी। केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय द्वारा 12 जुलाई को जारी अधिसूचना में कहा गया कि राष्ट्रपति ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 124 के खंड (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के तहत न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां और न्यायमूर्ति एस वेंकटनारायण भट्टी को नियुक्त किया है। कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से वे सुप्रीम कोर्ट के जज होंगे। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के नामों की अनुशंसा करने के एक हफ्ते के भीतर केंद्र ने मंजूरी दे दी।
टैक्स कानूनों में एक्सपर्ट हैं जस्टिस उज्ज्वल भुइयां
जस्टिस भुइयां का जन्म 2 अगस्त 1964 को हुआ था। उन्हें 2011 में गौहाटी हाई कोर्ट के जज के रूप में नियुक्त किया गया था। वह अपने हाई कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज थे और सुप्रीम कोर्ट आने से पहले वह 28 जून 2022 से तेलंगाना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में कार्यरत थे। जस्टिस भुइयां टैक्स कानून में विशेषज्ञता रखते हैं। बॉम्बे हाई कोर्ट में सेवा के दौरान उन्होंने टैक्स कानून सहित कई तरह के मामलों को निपटाया है।
जस्टिस भट्टी को कानून की विभिन्न शाखाओं का अनुभव
सुप्रीम कोर्ट में प्रमोशन से पहले जस्टिस एस. वेंकटनारायण भट्टी केरल हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में कार्यरत थे। 6 मई 1962 को जन्मे जस्टिस भट्टी को 2013 में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के जज के रूप में नियुक्त किया गया था और वह अपने मूल हाई कोर्ट में सबसे वरिष्ठ हैं। जस्टिस भट्टी के पास कानून की विभिन्न शाखाओं का अनुभव है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उनके नाम की सिफारिश करते हुए कहा, ‘न्यायमूर्ति भट्टी की नियुक्ति उनके अर्जित ज्ञान और अनुभव के संदर्भ में मूल्यवर्धन प्रदान करेगी। उनकी अच्छी प्रतिष्ठा है और उनमें ईमानदारी और क्षमता है।’