नई दिल्ली: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और राज्य सरकार में युवा एवं खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म के ख़त्म करने वाले बयान पर बवाल बढ़ता ही जा रहा है। राजनीतिक बयानबाजी के बाद अब देश के कई संतों ने उदयनिधि के खिलाफमोर्चा खोला है। अखिल कर्नाटक ब्राह्मण महासभा के राघवेंद्र भट्ट ने कहा कि सनातन धरम को ख़त्म करने का ख्याल दिमाग में लाने वालों को जरा सोचना चाहिए।
'सनातन धर्म को कोई ख़त्म नहीं कर सकता'
उन्होंने कहा, "सनातन धर्म को कोई ख़त्म नहीं कर सकता। सनातन धर्म का दृष्टिकोण सुख और समृद्धि है। अगर यह ख़त्म हुआ तो सृष्टि ख़त्म हो जाएगी। कई धर्म शुरू हुए और ख़त्म हुए, लेकिन सनातन धर्म का कोई अंत नहीं है। सभी हिंदू उनके बयानों की निंदा करें। उन्हें देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।" उन्होंने कहा कुछ लोग अपनी वोट बैंक की राजनीति के लिए सनातन धर्म के बारे में नकारात्मक बातें कर रहे हैं। हम इस कृत्य की कड़ी निंदा करते हैं।
वहीं चिलकुर बालाजी मंदिर के मुख्य पुजारी रंगराजन ने उदयनिधि के बयान कि कड़ी निंदा करते हुए कहा कि कुछ वोटों के लिए इस तरह के बयान देना बेहद ही निंदनीय है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म पर सदियों से लोगों ने आक्रमण किए, लेकिन कोई कुछ नहीं कर पाया। फिर क्या ही कर पाएंगे।
'उदयनिधि स्टालिन को समझना चाहिए कि द्रविड़ विचारधारा का अर्थ क्या है'
उन्होंने कहा कि उदयनिधि स्टालिन को समझना चाहिए कि द्रविड़ विचारधारा का अर्थ क्या है। आपने तमिल संस्कृति के लिए, इसकी रक्षा के लिए, इसे संरक्षित करने के लिए क्या किया है? मैं तमिलनाडु के लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे उन्हें मतपत्र की ताकत दिखाएं। ऐसे व्यक्ति को चुनें जो सनातन धर्म का सम्मान करता हो।
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