Assam Flood: असम राज्य में बाढ़ की स्थिति में काफी सुधार होने के बावजूद रविवार को दो और लोगों की मौत हो गई। एक आधिकारिक बुलेटिन में इसकी जानकारी दी गई है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) की खबर के अनुसार, दोनों मौतें हैलाकांडी जिले में हुईं। इस साल बाढ़ और भूस्खलन में जान गंवाने वालों की संख्या 192 हो गई।
38,000 से अधिक लोगों ने 114 राहत शिविरों में ली शरण
बुलेटिन के मुताबिक, अभी भी 12 जिलों में 5,39,334 लोग बाढ़ से पीड़ित हैं। 18 राजस्व मंडलों के कुल 390 गांव जलमग्न हैं। कछार सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है, जहां 3,55,960 लोग अब भी प्रभावित हैं, इसके बाद मोरीगांव में 1,42,662 लोग बाढ़ की चपेट में हैं। एएसडीएमए ने कहा कि कुल 7,368.41 हेक्टेयर फसल क्षेत्र अभी भी जलमग्न है। पिछले 24 घंटों में डिब्रूगढ़, मोरीगांव, नगांव, उदलगुरी, बक्सा और होजई जिलों में घरों, सड़कों और अन्य इमारतों को नुकसान पहुंचा है। एएसडीएमए के मुताबिक, बक्सा, विश्वनाथ, बोंगाईगांव, मोरीगांव और तिनसुकिया जिलों से भूस्खलन की खबरें मिली हैं।
बाढ़ और भूस्खलन से अब तक 190 लोगों की मौत
असम में बाढ़ की स्थिति में शनिवार को काफी सुधार हुआ। हालांकि, राज्य में कोई भी बड़ी नदी खतरे के निशान से ऊपर नहीं बह रही है। इस साल राज्य में बाढ़ और भूस्खलन से अब तक 190 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में 38,000 से अधिक लोगों ने 114 राहत शिविरों में शरण ली है। जबकि 1,07,559 पशु भी प्रभावित हुए हैं। उदलगुरी में एक तटबंध टूट गया, जबकि 47 सड़कें और 74 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए।
सीएम हिमंत ने बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए NDRF से मांगी है आर्थिक मदद
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि हाल ही में आई भीषण बाढ़ के कारण राज्य में 30,000 से 40,000 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। सरमा ने बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई कोष (NDRF) से आर्थिक मदद मांगी है। सीएम ने शुक्रवार शाम यहां एक बैठक के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इस बात से अवगत कराया और केंद्रीय मदद मांगी।
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