नई दिल्ली: सोमवार का दिन तुर्की और सीरया के लिए किसी भयावह सपने से कम नहीं गुजरा। सोमवार को लोग सुबह सोकर भी नहीं उठे थे कि उनके ऊपर आफत आन पड़ी। पहला भूकंप 7.8 की तीव्रता का आया और बड़ी-बड़ी इमारतें भरभराकर गिर पड़ीं। अब तक 3700 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हजारों लोग लापता हैं। अस्पताल घायलों से भरे पड़े हैं। सड़कों पर चीख-पुकार मची हुई है। किसी को समझ नहीं आ रहा कि क्या किया जाए? ऐसे समय में मानवता दिखाते हुए भारत तुर्की की मदद के लिए आगे आया है।
भारत ने राहत और बचाव अभियान के लिए NDRF की 2 टीमें वहां भेजने का निर्णय लिया है। जिसमें से एक टीम को रवाना कर दिया गया है। वहीं दूसरी टीम को भी जल्द रवाना किया जायेगा। NDRF के DIG ने कहा कि र्की और सीरिया में भयानक भूकंप आने से कई लोगों की मृत्यु हुई है। इसको देखते हुए भारत सरकार ने NDRF की 2 टीमें वहां भेजने का निर्णय लिया है।
वहीं NDRF के डिप्टी कमांडेंट ने बताया कि हम इस आपदा में त्वरित बचाव अभियान के लिए जा रहे हैं और भारत सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार मानवीय सहायता प्रदान की जाएगी। एनडीआरएफ द्वारा निर्धारित संरचना के अनुसार टीम जा रही है और उसी के अनुसार हम आगे बढ़ रहे हैं। टीम में डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ भी है। उन्होंने बताया कि इस टीम में 47 एनडीआरएफ कर्मी और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं जो संयुक्त राष्ट्र के दिशानिर्देशों के अनुसार काम करेंगे।
लेबनान, सीरिया, साइप्रस, इजराइल और फ़िलिस्तीन तक झटके
तुर्की के दक्षिण में सीरियाई सीमा के पास स्थानीय समयानुसार सोमवार सुबह 4:17 बजे भूकंप का एक शक्तिशाली झटका महसूस किया गया और पहले झटके के कुछ मिनट बाद दूसरा और फिर तीसरा शक्तिशाली झटका महसूस किया गया। तुर्की में 7.8, 7.6 और 6.0 तीव्रता के लगातार तीन विनाशकारी भूकंप आए। अभी काफी लोग इमारतों के मलबों में भी फंसे हुए हैं, जिन्हें राहत और बचाव दलों के सदस्य बाहर निकालने की कोशिशों में लगे हुए हैं। ये भूकंप के झटके तुर्की समेत लेबनान, सीरिया, साइप्रस, इजराइल और फ़िलिस्तीन में भी महसूस किए गए हैं।
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