कर्नाटक में कांग्रेस सरकार की फजीहत, फ्री की 5 गारंटियों के किए थे वादे, अब लागू करने में छूट रहे पसीने
कर्नाटक सरकार ने सत्ता में आने के लिए जनता से वादे तो कर लिए थे। लेकिन सत्ता में आने के बाद उन्हें पूरा करने में फजीहत हो रही है। 5 फ्री की गारंटियों के वादों की हवा निकल चुकी है। इन्हीं फ्री की योजनाओं में से एक है महिलाओं के लिए पूरे राज्य में फ्री बस सेवा। जानिए क्या है मैदानी हकीकत।
Karnataka News: कर्नाटक में सरकार बनाने वाली कांग्रेस पार्टी ने सत्ता पाने के लिए 5 गारंटी का ऐेलान किया था। इन गारंटियों से प्रभावित होकर कर्नाटक की जनता ने कांग्रेस को एक ऐतिहासिक जनादेश दिया और 135 सीटों के साथ कांग्रेस पार्टी सत्ता में आ गई। लेकिन अब इन फ्री गारंटियों को लागू करने में सरकार के पसीने छूट रहे हैं। पांच में से 2 गारंटी अभी लागू होना बाकी है। बाकी बची 3 गारंटी में से 2 अभी तक अमल में नहीं आई है और शक्ति योजना के नाम से महिलाओं के लिए पूरे राज्य में फ्री बस सेवा की जो स्कीम लॉन्च की गई है, उसने अव्यवस्था को उजागर कर दिया है।
11 जून को पूरे तामझाम के साथ महिलाओं के लिए फ्री बस सेवा को कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया और डेप्युटी सीएम डीके शिवकुमार ने लॉन्च किया था, लेकिन तब से अब तक आए दिन ऐसे वीडियो सामने आ रहे हैं जो इस बात की तस्दीक करते हैं कि इस योजना को लॉन्च करने से पहले जिन आधारभूत बातों पर ध्यान दिया जाना चाहिए था, उसे नजरंदाज कर दिया गया। मैसूर की एक बस में इतनी महिलाएं चढ़ गईं कि सीट के लिए एक दूसरे से मारपीट शुरू हो गई। धारवाड़ में एक बस कंडेक्टर को पैसेंजर्स को टिकिट देने के लिए बस के अंदर ही परेशान होना पड़ा।
फ्री बस सेवा योजना से कांग्रेस को 210 करोड़ रुपए का नुकसान
धर्मस्थला, सुब्रमण्या और राज्य के कई धार्मिक स्थलों में बसों में जगह को लेकर आए दिन धक्का मुक्की और हाथापाई आम बात हो गई है। कोप्पल जिले से एक ऐसी तस्वीर सामने आई जब बस चालक ने स्टॉप पर बस नहीं रोकी, तो एक महिला ने बस पर पत्थर फेंककर उसका शीशा तोड़ दिया। एक तरफ अब तक इस योजना को लागू करने में कर्नाटक की कांग्रेस सरकार को 210 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। परिवहन विभाग के मुताबिक स्कीम के लांच होने से लेकर अब तक फ्री बस सेवा का लाभ 9 करोड़ महिलाओं ने लिया है।
छुट्टी के दिन बसों में बेकाबू हो जाती है महिलाओं की भीड़
राज्य में महिलाओं की जनसंख्या तकरीबन सवा तीन करोड़ है। ऐसे में साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस फ्री बस सेवा के लागू होने के बाद से ही अचानक महिला यात्रियों की संख्या बहुत बढ़ गई है। सबसे ज्यादा भीड़ मंदिरों की यात्रा को लेकर है। आलम ये है कि छुट्टी के दिन महिलाओं की भीड़ बेकाबू हो जाती है। बस के ड्राइवर और कंडेक्टर को ट्रेवल के दौरान भारी मशक्कत करनी पड़ती है।
गारंटी स्कीम के दिखने लगे साइड इफेक्ट, खाली चल रही प्राइवेट बसें
अब इस गारंटी स्कीम के साइड इफेक्ट भी देखने को मिल रहे हैं। फ्री बस सर्विस के चलते अब कोई भी प्राइवेट बसों में ट्रेवल ही नहीं करना चाहता। प्राइवेट बस खाली चल रही हैं और महिलाएं अपने परिवार के साथ सरकारी बस का इंतजार करती दिखती हैं ताकि कम से उनका उनका किराया बच जाए।
ऑटो रिक्शा संचालकों पर पड़ा असर
ऑटो रिक्शा चालकों पर भी इसका असर पड़ा है। पहले महिलाएं ही सबसे ज्यादा ऑटो से चलती थीं, लेकिन अब फ्री बस के चलते बस स्टैण्ड के पास बने ऑटो बूथ पर ऑटो चालकों को एक सवारी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। इसमें कोई दो राय नहीं कि महिलाओं को फ्री बस सेवा दिए जाने से महिलाएं बहुत खुश हैं, लेकिन क्राउड मैनेजमेंट को लेकर पर्याप्त सुविधा न दिए जाने के लिए महिलाओं को भी परेशानी हो रही है।
बीजेपी ने भी इसी बात को मुद्दा बनाया है।पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई ने आरोप लगाया कि सिर्फ वाहवाही लूटने के चक्कर में बिना किसी तैयारी के ये स्कीम लॉन्च की गई। जिसके चलते अब जनता परेशान हो रही है। पूर्व सीएम ने कहा ‘बस गारंटी स्कीम अभी से ही पंक्चर हो गई है। बड़ी संख्या में महिलाएं बस में ट्रेवल कर रही हैं, लेकिन सरकार ने इसके लिए पर्याप्त बसों की व्यवस्था नहीं की। बिना किसी तैयारी के फ्री बस स्कीम को लॉन्च कर दिया गया। जितने लोग ट्रेवल कर रहे हैं उतनी बसें दी जानी चाहिए। इस बात को सोचे बिना फ्री बस पास देने के चलते यात्रा के दौरान झगड़े हो रहे हैं। 50 लोगों की क्षमता वाली बस में 150 लोग ट्रेवल कर रहे हैं।
कुछ समय में हालात हो जाएंगे सामान्यः परिवहन मंत्री
इस बारे में परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि ‘बीएमटीसी, एमकेआरटीसी और बाकी सभी बसों में हालात नियंत्रण में हैं। सिर्फ केएसआरटीसी में समस्या हो रही है। वो भी इस वजह से कि महिलाएं मंदिरों में जा रही हैं। उसे भी दुरुस्त करने के लिए अतिरिक्त बस लगाई जा रही है। कॉलेज खुल रहे हैं उसको भी संज्ञान में लिया गया है। कुछ ही समय में हालात सामान्य हो जाएंगे।