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Hindi News भारत राष्ट्रीय त्रिपुरा में हिंसा की घटनाओं के बीच रिकॉर्ड तोड़ पड़े वोट, जानें कितनी फीसदी हुई वोटिंग

त्रिपुरा में हिंसा की घटनाओं के बीच रिकॉर्ड तोड़ पड़े वोट, जानें कितनी फीसदी हुई वोटिंग

कई जिलों से राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर हमले, मतदाताओं को डराने-धमकाने और बाधित करने की कई घटनाएं सामने आई हैं। गोमती, सिपाहीजला, दक्षिण त्रिपुरा और पश्चिम त्रिपुरा जिलों में कम से कम 60 विपक्षी दल के कार्यकर्ताओं के घायल होने की खबर है।

त्रिपुरा में वोटिंग समाप्त- India TV Hindi Image Source : PTI त्रिपुरा में वोटिंग समाप्त

Tripura Election Voting: त्रिपुरा की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए आज गुरुवार को कड़ी सुरक्षा के बीच वोटिंग हुई। राज्य में 3,337 मतदान केंद्रों पर मतदान हुआ, जहां करीब 31,000 कर्मियों को तैनात किया गया था। चुनाव अधिकारियों ने कहा कि त्रिपुरा में गुरुवार को भारी सुरक्षा के बीच 28.14 लाख मतदाताओं में से 81 प्रतिशत से ज्यादा वोटर्स ने शाम चार बजे तक अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। 

साल 2013 और 2018 के विधानसभा चुनावों में 91.82 प्रतिशत और 89.38 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। चुनाव अधिकारी ने बताया कि शाम 4 बजे आधिकारिक रूप से वोटिंग समाप्त होने के बाद भी राज्य भर के कई मतदान केंद्रों पर एक लाख से ज्यादा मतदाता कतार में हैं। अंतिम मतदान 86 प्रतिशत को पार कर सकता है।

विभिन्न जिलों से राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर हमले, मतदाताओं को डराने-धमकाने और बाधित करने की कई घटनाएं सामने आई हैं। गोमती, सिपाहीजला, दक्षिण त्रिपुरा और पश्चिम त्रिपुरा जिलों में कम से कम 60 विपक्षी दल के कार्यकर्ताओं के घायल होने की खबर है। मुख्य विपक्षी माकपा ने आरोप लगाया कि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने चार जिलों के 25 से अधिक मतदान केंद्रों में उम्मीदवारों के पोलिंग एजेंटों को बेदखल कर दिया। 

एक कांस्टेबल को किया गया निलंबित

त्रिपुरा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) गित्ते किरणकुमार दिनकरराव ने कहा कि जहां भी प्राधिकरण को परेशानी की कोई खबर मिली, वहां समस्याओं को हल करने के लिए सुरक्षा बलों को तुरंत भेजा गया। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि गोमती जिले में सत्तारूढ़ बीजेपी के पक्ष में वोट डालने के लिए लोगों से आग्रह करने में भूमिका के लिए एक कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया था। 

जीरो लाइन में रहने वालों ने भी दिया वोट

माकपा और कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने शिकायत की कि संतिरबाजार, हृषमुख, धनपुर और ककराबन सहित कई स्थानों पर सत्ता पक्ष के कार्यकर्ताओं ने विपक्षी दलों का समर्थन करने वाले मतदाताओं को बाधित किया। इससे पहले 8 जिलों में सुबह 7:00 बजे वोटिंग शुरू होने से पहले ही पुरुष, महिला और पहली बार के मतदाता मतदान केंद्रों के सामने कतार में लग गए थे। 26 साल पहले जातीय संकट के बाद मिजोरम से विस्थापित हुए रियांग आदिवासियों और भारत-बांग्लादेश सीमा की जीरो लाइन (बाड़ के बाहर) में रहने वाले मतदाताओं ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया। 

31 महिलाओं सहित 259 उम्मीदवार मैदान में

सीईओ ने कहा कि 60 सदस्यीय सदन के चुनाव के लिए 31 महिलाओं सहित कुल 259 उम्मीदवार मैदान में हैं और उनमें से सबसे अधिक बीजेपी ने 55 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। उसके बाद माकपा ने 43, टिपरा मोथा पार्टी ने 42, तृणमूल कांग्रेस ने 28, और कांग्रेस ने 13 सीटों पर चुनाव लड़ा है। 58 निर्दलीय उम्मीदवार और विभिन्न छोटे दलों के 14 उम्मीदवार भी चुनाव लड़ रहे हैं।

 कुल मिलाकर 13.99 लाख महिलाओं सहित 28.14 लाख वोटर्स गुरुवार को हुए मतदान में वोट डालने के योग्य थे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की 400 कंपनियां (30,000 सुरक्षाकर्मी) प्रदान की, जबकि लगभग 9,000 त्रिपुरा स्टेट राइफल्स के जवान और 6,000 से अधिक त्रिपुरा पुलिस कर्मियों को निष्पक्ष और हिंसा मुक्त चुनाव कराने के लिए तैनात किया गया था।

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