भुवनेश्वर: ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे के बाद बुधवार को राज्य के जाजपुर-क्योंझर रोड स्टेशन के पास 8 मजदूर एक मालगाड़ी की चपेट में आ गए, जिनमें से छह की मौत हो गई और अन्य दो गंभीर रूप से घायल हो गए। ईस्ट कोस्ट रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी विश्वजीत साहू ने कहा कि रेलवे के काम के लिए एक ठेकेदार द्वारा लगाए गए मजदूरों ने जाजपुर-क्योंझर रोड के पास 'नॉरवेस्टर' तूफान और बारिश से बचने के लिए बिना इंजन के खड़ी एक मालगाड़ी के नीचे शरण ली थी। उन्होंने कहा कि जाजपुर-क्योंझर रोड स्टेशन के पास लाइन पर इंजन के बिना मानसून रिजर्व रेक भारी आंधी के जोर पर लुढ़क गया। इसमें आगामी मानसून के लिए तैनात रेलवे पटरियों के रखरखाव के लिए आवश्यक सामग्री थी।
आंधी से बचने के लिए मालगाड़ी के नीचे छिपे थे मजदूर
साहू ने कहा, यह एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। ठेकेदार द्वारा रेलवे के काम के लिए लगाए गए मजदूर वहां खड़ी मालगाड़ी के नीचे आश्रय ले रहे थे। तेज हवा के जोर पर जब मालगाड़ी के वैगन चलने लगे, तो मजदूर पटरियों से बाहर आने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन कुचले गए। मौके पर मौजूद रेलवे अधिकारियों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया। उनमें से अब तक 6 की मौत हो चुकी है, जबकि दो गंभीर रूप से घायल मजदूरों को कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मृतकों के परिजनों के लिए 5 लाख के मुआवजे की घोषणा
DRM खुर्दा रोड के नेतृत्व में मंडल रेल अधिकारी दुर्घटनास्थल पर पहुंचे। दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मृतक व्यक्तियों के परिजनों के लिए 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को घायल श्रमिकों को गुणवत्तापूर्ण उपचार प्रदान करने का भी निर्देश दिया और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
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इससे पहले 2 जून की शाम ओडिशा के बालासोर जिले में बहानागा बाजार रेलवे स्टेशन के पास चेन्नई जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस और हावड़ा जाने वाली एसएमवीपी-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी। इस भीषण दुर्घटना में कम से कम 288 लोगों की मौत हो गई और 1100 से अधिक लोग घायल हो गए।
(इनपुट- IANS)
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