Tipu Express: रेलवे ने मैसूर के शासक टीपू सुल्तान के नाम पर चलने वाली टीपू सुपरफास्ट एक्सप्रेस का नाम बदलकर वोडयार एक्सप्रेस कर दिया है। ट्रेन का नाम बदले जाने को लेकर कर्नाटक में सियासी बवाल खड़ा हो गया है। कांग्रेस का आरोप है कि BJP समाज में द्वेष बढ़ाने की राजनीति कर रही है, वहीं BJP का कहना है कि अब तुष्टिकरण की सियासत करने के दिन लद गए हैं। इस ट्रेन का नाम बदलने के लिए मैसुरू से बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा ने रेलवे को एक चिट्ठी लिखी थी।
टीपू एक्प्रेस के नाम से चल रही थी यह ट्रेन
बता दें कि पिछले कई सालों से 12613 मैसूरु-बेंगलुरू इंटरसिटी एक्सप्रेस ‘टीपू सुपरफास्ट एक्सप्रेस’ के नाम से चल रही थी लेकिन अब इसका नाम बदलकर वोडयार एक्सप्रेस हो गया है। मैसूरु से BJP सांसद प्रताप सिम्हा ने ट्रेन के नए बोर्ड की फोटो लगाई और रेल मंत्रालय का आभार व्यक्त किया। प्रताप सिम्हा ने ही 25 जुलाई को इस ट्रेन का नाम बदलने की मांग करते हुई एक पत्र लिखा था। रेल मंत्रालय की ओर से जारू सूचना में कहा गया है कि ट्रेन नंबर 12613-12614 मैसूरु-बेंगलुरू टीपू एक्सप्रेस का नाम वोडयार एक्सप्रेस कर दिया गया है।
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ट्रेन का नया नाम रखे जाने के बाद बवाल शुरू
बता दें कि वोडयार साम्राज्य को मॉर्डन मैसूरु का आर्किटेक्ट कहा जाता है। तकरीबन 150 साल पहले वोडयार ने मैसूरु साम्राज्य में रेलवे नेटवर्क बनाया था। लेकिन इस ट्रेन के नामकरण के बाद सियासी बवाल शुरू हो गया है। कांग्रेस के नेता सरकार पर ध्रुवीकरण की राजनीति करने के आरोप लगा रहे हैं। वहीं, BJP का कहना है कि जब इस ट्रेन का नाम टीपू सुल्तान के नाम पर रखा गया तब तुष्टिकरण की राजनीति हो रही थी और अब वक्त बदल गया है इसीलिए इस ट्रेन का नाम भी बदल गया है।
Image Source : twitter.com/mepratapरेलवे ने टीपू एक्सप्रेस का नाम बदलकर वोडयार एक्सप्रेस कर दिया है।
टीपू सुल्तान के वंशज ने भी रखी अपनी बात
इस बीच टीपू सुल्तान के वंशजों में से एक साहेबजादा मंसूर अली को रेलवे का ये फैसला नागवार गुजरा है। उनका कहना है कि इस फैसले के जरिए सरकार टीपू सुल्तान का निशान मिटाने की कोशिश कर रही है। कर्नाटक में विपक्ष के नेता और पूर्व CM सिद्धरामैया भी टीपू के वंशज के सुर में सुर मिलाते दिखे। उनका कहना है कि BJP को द्वेष की राजनीति के अलावा और कुछ नहीं आता। उन्होंने कहा, ‘BJP का काम ही जहर घोलना है। वे किसी ओर ट्रेन का नाम बदलकर वोडयार के नाम पर रख सकते हैं, टीपू के नाम को हटाकर ऐसा करने की क्या जरूरत थी।’
सिद्धरामैया को अश्वत नारायण ने दिया जवाब
सिद्धरामैया की इस बात का जवाब IT मिनिस्टर अश्वत नारायण ने दिया। उन्होंने कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति करने वालों समाज को तोड़ने की बात करने वालों और हिंदू विरोधी नेताओं से और क्या उम्मीद की जा सकती है। बता दें कि कर्नाटक में अगले साल चुनाव हैं ऐसे में सत्तारूढ़ BJP और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के नेता एक भी ऐसा मौका नहीं चूकना चाहते जिससे उनके वोट बैंक में बढ़ोत्तरी हो।
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