कोरोना चीन सहित दुनिया के कई देशों में तबाही मचा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने हाल ही में बताया कि 38 देशों में एक्सबीबी.1.5 वैरिएंट के मामले मिले हैं। इनमें अमेरिका में 82 प्रतिशत कोरोना केसों के लिए केवल यह वैरिएंट जिम्मेदार है। वहीं, ब्रिटेन के आठ प्रतिशत और डेनमार्क के दो प्रतिशत कोरोना केस इस वैरिएंट की देन हैं। इसी बीच एक स्टडी के दावे के अनुसार कोरोना का नया वैरिएंट XBB.1.5 अन्य वैरिएंट्स की तुलना में वैक्सिनेटेड लोगों और कोरोना से संक्रमित हो चुके लोगों को ज्यादा प्रभावित कर रहा है।
बेहद तेजी से फैलता है यह वैरिएंट
XBB.1.5 स्ट्रेन, Omicron XBB वैरिएंट के परिवार का ही सदस्य है जो Omicron BA.2.10.1 और BA.2.75 सब-वैरिएंट्स का रिकॉम्बिनेंट यानी दो अलग-अलग वैरिएंट के जीन्स से मिलकर बनने वाला वायरस है। XBB और XBB.1.5 अमेरिका में 44 प्रतिशत कोरोना मामलों के लिए जिम्मेदार है। यूरोपियन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल (ECDC) के अनुसार, सबवैरिएंट वर्तमान में अमेरिका में अन्य वेरिएंट की तुलना में 12.5 प्रतिशत तेजी से फैल रहा है।
इस वैरिएंट के भारत में कुल 26 मामले
INSACOG के तीन दिन पहले जारी हुए डेटा के अनुसार, भारत में कोरोना के XBB.1.5 के कुल 26 मामले पाए गए हैं। यह वैरिएंट अब तक 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मिल चुका है। इनमें दिल्ली, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में COVID मामलों में भारी उछाल के पीछे XBB.1.5 जिम्मेदार है।
जनवरी के पहले सप्ताह में 30 फीसदी केस थे इसी वैरिएंट के
रॉयटर्स के अनुसार, जनवरी के पहले सप्ताह में 30 प्रतिशत केस इस सबवैरिएंट के ही थे जो पिछले सप्ताह सीडीसी के अनुमानित आंकड़े से 27.6% से भी अधिक है। NYC डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड मेंटल हाइजीन के एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि XBB.1.5 COVID-19 का सबसे तेजी से फैलने वाला वैरिएंट है, जितना हमें अभी तक पता है।
बाकी वैरिएंट्स की तुलना करें तो इसके उन लोगों को भी संक्रमित करने की अधिक संभावना है जिन्हें कोरोना का टीका लगा हुआ है। या जिन्हें पहले COVID-19 की बीमारी हो चुकी है। हालांकि फिर भी टीकाकरण को बढ़ावा देने का आग्रह किया जा रहा है। क्योकि कोविड की वैक्सीन और अपडेटेड बूस्टर डोज ही इस बीमारीसे बचाव का सबसे अच्छा तरीका है।
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