मेरठ (उत्तर प्रदेश): भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘ये पूजा-पाठ वाले नहीं बल्कि बलि लेने वाले पुजारी हैं।’ केन्द्र द्वारा वापस लिए गए कृषि कानूनों के विरोध में एक साल चले किसान आंदोलन के दौरान हुई किसानों की मौत को लेकर भाजपा पर व्यंग्य करते हुए टिकैत ने कहा, ‘‘ये वेशभूषा से तो पुजारी लगते हैं लेकिन ये पूजा-पाठ वाले नहीं बल्कि बलि लेने वाले पुजारी है। इन्होंने 700 से ज्यादा किसानों की बलि ली है।’’
पत्रकारों से बातचीत में टिकैत ने आरोप लगाया कि भाजपा पिछले एक महीन से इस क्षेत्र में एक विशेष बिरादरी को निशाना बनाकर चुनाव प्रचार कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक संत और सूबे के मुख्यमंत्री (योगी आदित्यनाथ) को शोभा नहीं देता। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री किसी पार्टी के नहीं बल्कि सबके होते हैं।’’ जाटों की तरफ इशारा करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि पिछले एक महीने में चुनाव में एक बिरादरी को बदनाम करने की साजिश की है।
टिकैत ने कहा कि हिंदुत्व का प्रमाणपत्र देने का ठेका भाजपा के पास नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘अब मुज़फ्फरनगर मॉडल नहीं चलेगा। इस चुनाव में तरह-तरह की बातें हो रही है, जनता सब देख रही है। जनता किसी के बहकावे में नहीं आने वाली।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘इस बार पश्चिम उत्तर प्रदेश में हिंदू, मुस्लिम और जिन्ना का मैच नहीं होने देंगे।’’
दरअसल, संयुक्त किसान मोर्चा ने रविवार को मेरठ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें एक पत्र भी जारी किया गया। इस पत्र में खुले तौर पर भाजपा को सबक सिखाने की बात की गई। उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में जाकर संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का फैसला भी लिया है। इसके अलावा संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई कर रहे राकेश टिकैत की मानें तो एमएसपी पर बड़ा घोटाला है। सरकारी खरीद का लाभ किसान को नहीं मिलता। देश के नौजवान को मजदूर बनाने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि आपके दरवाजे पर जो भी प्रत्याशी वोट मांगने आए उसे पिछले 5 साल का हिसाब किताब मांगना चाहिए और उससे सवाल जवाब करना चाहिए।
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