प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम में काम कर रहे लोगों के लिए जूट से बने 100 जोड़ी जूते भेजे हैं। उन्हें यह पता चला था कि धाम में ज्यादातर लोग नंगे पैर काम करते हैं क्योंकि मंदिर परिसर में चमड़े या रबड़ के जूते पहनने की मनाही है। सरकार के सूत्रों ने सोमवार को बताया कि जिन लोगों के लिए जूते भेजे गए हैं उनमें पुजारी, सेवा करने वाले लोग, सुरक्षा कर्मी, सफाई कर्मी और अन्य लोग शामिल हैं।
मोदी ने जूट के जूते खरीदे और धाम में भेजे ताकि वहां ड्यूटी कर रहे लोगों को कड़ाके की ठंड में नंगे पैर न रहना पड़े। एक सूत्र ने बताया, ‘प्रधानमंत्री मोदी का काशी विश्वनाथ धाम से गहरा जुड़ाव रहा है और वे वाराणसी में सभी मुद्दों तथा घटनाक्रम पर नजर रखते हैं। छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देने तथा गरीबों के प्रति उनकी चिंता का यह एक और उदाहरण है।’ मोदी ने पिछले महीने धाम के पहले चरण का उद्घाटन किया था जिसमें काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर का विस्तार और उसका सौंदर्यकरण शामिल है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी का दौरा कर करखियां में बनास डेयरी काशी संकुल का शिलान्यास किया था। प्रधानमंत्री ने अपने इस दौरे पर 870 करोड़ रुपये की 22 परियोजनाओं की सौगात काशी को दी थी। इसमें करखियांव में डेयरी संयंत्र का शिलान्यास, बेनियाबाग में पार्किंग और इंट्रीग्रेटेड सर्विलांस सिस्टम सहित अन्य कार्यों का लोकार्पण शामिल थे।
पीएम इससे पहले 13 दिसंबर को काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर परियोजना का अनावरण करने के लिए वाराणसी में थे। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार इस परियोजना का उद्देश्य पूर्वाचल क्षेत्र के किसानों और दुग्ध उत्पादकों को सशक्त बनाना और सस्ती कीमतों पर अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पाद उपलब्ध कराना है। दौरे से पहले पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा था- 'आज का पूरा दिन उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए विकास कार्यों को समर्पित होगा। वाराणसी में दोपहर करीब 1 बजे कई परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास का सौभाग्य प्राप्त होगा। इनसे राज्य की अर्थव्यवस्था के साथ ही किसान भाई-बहनों को भी लाभ होगा।' (PTI इनपुट्स के साथ)
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