जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (कारागार) हेमंत कुमार लोहिया की हत्या के मामले की जांच के दौरान कोई आतंकी पहलू सामने नहीं आया है। जम्मू क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) मुकेश सिंह ने कहा कि आरोपी से पूछताछ जारी है और उसके द्वारा किए जा रहे खुलासों पर जमीनी स्तर की जांच की जा रही है। एडीजीपी ने अपने बयान में कहा, ''लोहिया की हत्या के मामले की जांच के दौरान अब तक कोई आतंकी पहलू सामने नहीं आया है।
आरोपी से पूछताछ जारी है और उसके खुलासों पर जमीनी स्तर की जांच की जा रही है।'' हालांकि, आतंकी समूह पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने लोहिया की हत्या की जिम्मेदारी ली है। लेकिन मंगलवार को अपराध स्थल का दौरा करने वाले पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने मीडिया से कहा, ''ये आतंकवादी समूह बेशर्मी से किसी भी चीज की जिम्मेदारी ले लेते हैं।''
पूरा मामला समझिए
जम्मू कश्मीर के डीजी जेल एचके लोहिया सोमवार को अपने ही घर में मृत पाए गए। साल 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी लोहिया (52) सोमवार देर रात शहर के बाहरी इलाके में अपने उदयवाला निवास पर मृत मिले थे। उनका गला रेता गया था और उनके शरीर पर जलने के निशान थे। लोहिया की हत्या के मामले में उनके घरेलू नौकर यासिर लोहार (23) को मंगलवार को कान्हाचक इलाके के एक खेत से गिरफ्तार किया गया था।
अधिकारियों ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद लोहिया का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए उनके परिवार को सौंप दिया गया। उन्होंने कहा कि अंतिम संस्कार से पहले यहां जिला पुलिस लाइन में पुष्पांजलि समारोह का आयोजन किया जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरान राज्य में एक बड़े अधिकारी की हत्या हुई है।
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