'Indian Muslims के लिए भारत से बेहतर कोई मुल्क नहीं', आप की अदालत में बोले मौलाना महमूद मदनी
AAP KI ADALAT: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने 'आप की अदालत' में कहा कि भारतीय मुसलमानों के लिए भारत से बेहतर कोई मुल्क नहीं है।
AAP KI ADALAT: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने इंडिया टीवी पर रजत शर्मा के शो आप की अदालत में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि Indian Muslims के लिए भारत से बेहतर कोई और जगह नहीं है। उन्होंने वक्फ बोर्ड से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए यह बात कही। मौलाना मदनी ने कहा कि एक खास किस्म का माहौल बनाया जा रहा है कि हम कुछ और हैं और किसी दूसरी दुनिया से आए हैं। भारत के मुसलमानों को ऑप्शंस दिया गया था, इनमें से हमने भारत को चुना, हमारे लिए , Indian Muslims के लिए भारत से बेहतर कोई और जगह नहीं है।'
SGPC की तरह वक्फ बोर्ड का गठन
मौलाना मदनी ने कहा कि वक्फ बोर्ड का गठन भी भारत मुसलमान करें। इसका गठन भी ठीक उसी तरह से हो जैसे शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी का होता है। उन्होंने कहा,'कानून कहता है कि वक्फ बोर्ड राज्य सरकारें बनाएंगी और सेंट्रल वक्फ काउंसिल केंद्र सरकार बनाएगी। हम कहते हैं कि SGPC की तरह बना दीजिए।' उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं एसजीपीसी के हिसाब से वक्फ बोर्ड बनना चाहिए। अगर इसके लिए सड़कों पर जाना जरूरी होगा तो सड़कों पर भी जाएंगे, लोकतांत्रिक तरीके से जाएंगे।
बहुत सी प्रॉपर्टीज़ पर दोनों पक्षों का दखल
उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड के इस दावे पर कि आगरा का ऐतिहासिक ताजमहल वक्फ की संपत्ति है, मौलाना मदनी ने कहा, 'अगर वो वक्फ बोर्ड की जमीन है तो वक्फ बोर्ड की है, पर ASI के कंट्रोल में जिनपर दोनों तरफ से दखल है। ऐसी बहुत सारी प्रॉपर्टीज़ हैं जिन पर दोनों तरफ से दखल है। हम ओपन माइंड होकर सोचें कि ये जमीन किसके पास जा रही है, ऐसा तो नहीं कि चीन या नेपाल के पास जा रही है, या उस मुल्क के पास जिसका नाम मैं यहां नहीं लेना चाहता। एक खास किस्म का माहौल बनाया जा रहा है कि हम कुछ और हैं और किसी दूसरी दुनिया से आए हैं। भारत के मुसलमानों को ऑप्शंस दिया गया था, इनमें से हमने भारत को चुना, हमारे लिए , Indian Muslims के लिए भारत से बेहतर कोई और जगह नहीं है।'
हम जान भी कुर्बान करने को तैयार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मौलाना मदनी ने कहा, 'मेरे देश के प्रधानमंत्री की अगर कहीं बाहर के मुल्कों में इज्जत हो रही है, तो वह देश की इज्जत हो रही है। यहां हम उनकी नीतियों से पूरा इख्तलाफ (मतभेद) भले ही रखते हों , disagreement हों, लेकिन देश के बाहर जाने पर अगर कोई उनकी बेइज्जती करने की कोशिश करे तो हम जान भी कुर्बान करने को तैयार हैं, लड़ाई लड़ेंगे।'