अपनी काशी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को एक खास मंदिर का उद्घाटन किया। इसका नाम स्वर्वेद मंदिर है। यह मंदिर वाराणसी और गाजीपुर हाईवे के बीच उमरहा में स्थित है। बता दें कि जब वाराणसी से गाजीपुर की तरफ बस के जरिए जाते हैं तो बाएं हाथ की तरफ खुले इलाके में एक विशालकाय मंदिर दिखता है, जिसका नाम स्वर्वेद मंदिर रखा गया है। इस मंदिर का पीएम नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया। योगी आदित्यनाथ भी इस दौरान वहां मौजूद थे। बता दें कि विहंगम योग संस्थान के प्रणेता संत सदाफल महाराज की ओर से इस मंदिर का निर्माण कराया गया है।
क्या है स्वर्वेद मंदिर की खासियत
बता दें कि विश्वभर में संत सदाफल महाराज के ऐसे दर्जनों आश्रम मौजूद हैं। लेकिन वाराणसी स्थित स्वर्वेद मंदिर सबसे बड़ा आश्रम है। करीब 20 वर्षों से इस आश्रम का निर्माण जारी है। मकराना मार्बल से बने इस मंदिर की चर्चा अब हर तरफ होने लगी है। यह मंदिर अपने आप में बेहद खास है। इस मंदिर में 7 फ्लोर हैं। इसे दुनिया का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर कहा जा रहा है। बता दें कि करीब 20 हजार लोग एक साथ इस मंदिर में योग और ध्यान कर सकते हैं। एक खास बात यह भी है कि इस मंदिर में किसी भी भगवान की मूर्ति या प्रतिमा स्थापित नहीं की गई है। यह केवल ब्रह्म की प्राप्ति की शिक्षा दी जाएगी।
किसी भी भगवान की नहीं है मूर्ति
बता दें कि यह मंदिर 64 हजार वर्गफीट में बना हुआ है और इसकी ऊंचाई 180 फीट है। स्वर्वेद मंदिर का निर्माण साल 2004 में शुरू हुई थी। पिछले 19 सालों से इस मंदिर का निर्माण जारी था। हालांकि अब यह मंदिर बनकर तैयार हो चुका है। बता दें कि इस मंदिर की दीवारों पर स्वर्वेद के 4000 दोहे अंकित किए गए हैं। इस मंदिर में भगवान की नहीं, बल्कि योग-साधना की पूजा होती है। मंदिर में संत सदाफल महाराज की 135 फीट ऊंची प्रतिमा भी स्थापित की गई है। वहीं मंदिर की दीवार पर 138 प्रसंग वेद उपनिषद, महाभारत, रामायण, गीता आदि के प्रशसंग पर चित्र बनाए गए हैं।
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