पंजाब के तरनतारन में पुलिस स्टेशन पर हुए रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड हमले में जांच कर रही NIA और पंजाब पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। NIA और पंजाब पुलिस की टीम ने हमले में इस्तेमाल आरपीजी लॉन्चर किया बरामद कर लिया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, स्टेशन पर हमले में रशियन मेड आरपीजी - 22 का इस्तेमाल किया गया था।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इसी तरह के दो आरपीजी और दो रॉकेट लॉन्चर अभी भी पंजाब में आतंकियों के स्लीपर सेलों के पास हैं। इनका इस्तेमाल कभी भी किया जा सकता है। इसके साथ ही इस हमले के पीछे खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (KLF) के आतंकी लखबीर सिंह लंडा का हाथ बताया जा रहा है। जांच एजेंसी के अनुसार, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के इशारे पर कनाडा में बैठे खालिस्तान समर्थक आतंकी लखबीर सिंह लंडा सरहाली पुलिस स्टेशन हमले की साजिश रची थी।
पाकिस्तान से भिजवाये गए थे रॉकेट लॉन्चर
सूत्रों ने बताया कि हमले में इस्तेमाल हुए रॉकेट लॉन्चरों को पाकिस्तान से ड्रोन के माध्यम से आतंकी लंडा के पंजाब के स्लीपर सेलों के पास भिजवाए गए थे। पंजाब पुलिस अब बाकी बचे दो आरपीजी को तलाश रही है ताकि भविष्य में आतंकी इसी तरह की कोई वारदात अंजाम ना दे सकें। बता दें कि कनाडा में बैठे खालिस्तान समर्थक आतंकी लखबीर सिंह लंडा ने इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (ISYF) के प्रमुख लखबीर सिंह रोडे के माध्यम से तरनतारन जिले में आतंक का नया नेटवर्क खड़ा किया है। बता दें कि 10 दिसंबर को जिले के सरहाली पुलिस स्टेशन पर रॉकेट लॉन्चर से हमला हुआ था। हमले में बिल्डिंग के शीशे टूट गए। हालांकि इस हमले में किसी के हताहत नहीं हुआ था ।
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