कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार: यासीन मलिक और बिट्टा कराटे के खिलाफ फिर खोले जाएंगे केस? DGP ने दिए ये संकेत
'The Kashmir Files' रिलीज होने के बाद से बिट्टा और मलिक चर्चा में हैं। डीजीपी ने कहा कि हम आतंकी मामलों की जांच कर रहे हैं यदि कोई भी दोषी होगा तो उसके खिलाफ जरूर जांच की जाएगी।
'The Kashmir Files' रिलीज होने के बाद कश्मीरी पंडितों के पलायन का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है। 90 के दशक में हुए पलायन पर बनी इस फिल्म की काफी चर्चा हो रही है। कश्मीरी पंडितों के पलायन को लेकर जम्मू-कश्मीर के डीजीपी से सवाल किया गया था। एक चैनल से बातचीत में डीजीपी दिलबाग सिंह ने दो टूक कहा, किसी भी आतंकी को नहीं छोड़ा जाएगा।
'The Kashmir Files' रिलीज होने के बाद से बिट्टा और मलिक चर्चा में हैं। डीजीपी ने कहा कि हम आतंकी मामलों की जांच कर रहे हैं यदि कोई भी दोषी होगा तो उसके खिलाफ जरूर जांच की जाएगी। बता दें, बिट्टा कराटे और यासीन मलिक अलगाववादी नेता हैं और दोनों के खिलाफ हत्या, लूटपाट समेत कई संगीन धाराओं में मामले दर्ज हैं।
दिल्ली की एक अदालत ने 2017 में घाटी का माहौल बिगाड़ने वाली कथित आतंकी एवं अलगाववादी गतिविधियों से जुड़े एक मामले में जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख मोहम्मद यासीन मलिक सहित अन्य के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था।
अदालत ने लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद, हिज्बुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन और अलगाववादी नेता यासीन मलिक, शब्बीर शाह, मसरत आलम सहित अन्य के खिलाफ यूएपीए और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक साजिश रचने, देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने और गैरकानूनी व आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के संबंध में आरोप तय करने का आदेश दिया था।
अदालत ने हाफिज मोहम्मद सईद, मोहम्मद यूसुफ शाह, आफताब अहमद शाह, अल्ताफ अहमद शाह, नईम खान, फारूक अहमद डार, मोहम्मद अकबर खांडे, राजा मेहराजुद्दीन कलवाल, बशीर अहमद भट, जहूर अहमद शाह वटाली, शब्बीर अहमद शाह, मसरत आलम, अब्दुल राशिद शेख और नवल किशोर कपूर को भी आरोपित किया है।
सबूतों पर बहस के बाद विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह स्थापित होता है कि शब्बीर शाह, यासीन मलिक, राशिद इंजीनियर, अल्ताफ फंटूश, मसरत और हुर्रियत/संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व (जेआरएल) को आतंकी गतिविधियों के लिये सीधे तौर पर धन मिला था। उन्होंने कहा, 'अब तक दर्ज गवाहों के बयानों से एक बात उभरी है कि पाकिस्तान, उसकी एजेंसियों और अभियुक्तों का एक साझा लक्ष्य है और उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले साधनों को लेकर उनके बीच सहमति है। यह भी पता चला है कि आतंकी गतिविधियों के लिये वित्तपोषण पाकिस्तान से भी किया जा रहा है।'