हैदराबाद: तेलंगाना के यादाद्री भुवनागिरी ज़िले में पुनर्निमित 'श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर' का मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने सोमवार को उद्घाटन किया। उसके बाद पूजा-अर्चना भी की। सीएम केसीआर का यादाद्री ड्रीम प्रोजेक्ट है। उन्होंने इस मंदिर के भव्य उद्घाटन की योजना बनाई थी, लेकिन कोरोना महामारी के चलते इसमें देरी हुई। मंदिर का निर्माण पूरा करने में 4 साल लग गए।
मंदिर निर्माण के दौरान प्रतिदिन लगभग 500 मूर्तियों का निर्माण किया गया। मंदिर में विशेष रूप से इंदौर से बने सांकू चक्र प्रतीकों से सजी कतार रेखाएं लगाई गई हैं। गर्भगृह का मुख्य प्रवेश द्वार सोने से ढका है। मंदिर में तंजौर शैली की पेंटिंग भी लगाई गई है। मंदिर के शीर्ष पर बनी संरचना में 125 किलो सोना लगाया गया है । इसे सीएम केसीआर, उनके मंत्रिमंडल, सहयोगियों और कई उद्योगपतियों ने मंदिर के नाम दान दिया है। वहीं केसीआर ने अपने परिवार की तरफ से 1116 किलोग्राम सोना दान किया है। इसके अलावा केसीआर सरकार के कई मंत्रियों, विधायकों, सांसदों, व्यापारिक घरानों के लोगों ने भी मंदिर बनाने में पूरा सहयोग किया है।
यह मंदिर राजधानी हैदराबाद से करीब 80 किमी की दूरी पर स्थित है। मंदिर का विशाल परिसर 14.5 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है। तेलंगाना राज्य गठन के बाद यादाद्री मंदिर की परियोजना पर अप्रैल 2016 से कार्य शुरू हुआ था। मंदिर के निर्माण में सीमेंट का प्रयोग नहीं हुआ है। मंदिर के निर्माण में 2.5 लाख टन ग्रेनाइट के पत्थर लगाए गए हैं।
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