Telangana News: तेलंगाना के उद्योग मंत्री 'के. टी. रामाराव' ने कहा है कि राज्य ने पिछले आठ वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में कारोबार अनुकूल नीतियों और माहौल के कारण 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आकर्षित किया है। वाणिज्य, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और शहरी विकास मंत्रालय का भी दायित्व संभाल रहे राव ने राज्य की निवेश नीतियों पर एक सवाल के जवाब में यह बात कही। उन्होंने पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में कहा, "हमने पिछले आठ वर्षों में 'टीएस आईपास' के जरिये 20,000 से अधिक मंजूरियां (व्यावसायिक प्रस्तावों के लिए) दी हैं। इनसे 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होने के साथ 16 लाख प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा हुए।"
संबंधित अधिकारी पर क्यों लगता है जुर्माना?
राव ने कहा कि टीएस आईपास या तेलंगाना राज्य औद्योगिक नीति के तहत एक निवेशक को 15 दिनों के भीतर सभी मंजूरी दी जाती है। उन्होंने कहा कि अगर किसी निवेशक को तेलंगाना सरकार से कोई संदेश नहीं मिलता है तो उसका निवेश प्रस्ताव स्वीकृत माना जाता है और इस देरी के लिए संबंधित अधिकारी पर जुर्माना लगाया जाता है। राव ने कहा कि आईटी, फार्मा और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों ने पिछले आठ वर्षों में जबरदस्त विकास दिखाया है।
विश्व के 33% टीके का उत्पादन तेलंगाना में होता है
तेलंगाना में काम कर रही कंपनियों की संख्या पर एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा, "हम टीका विनिर्माण के मामले में दुनिया के सबसे बड़े केंद्र हैं। विश्व के 33 प्रतिशत टीके का उत्पादन तेलंगाना में ही होता है। हम भारत में 35 से 40 प्रतिशत दवा सबंधी उत्पादों का उत्पादन करते हैं।" उन्होंने कहा कि तेलंगाना सूचना और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी एक अहम केंद्र है और विश्व की सबसे बड़ी आईटी कंपनियां जैसे गूगल, एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक, अमेजन और क्वालकॉम सभी यहां मौजूद हैं।
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