भारत के नए फाइटर जेट तेजस एमके1ए Mk1A (Tejas Mk1A) का आज परीक्षण किया गया। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने बताया कि तेजस Mk1A विमान श्रृंखला का पहला विमान LA5033 आज बेंगलुरु में आसमान में सफलतापूर्वक उड़ा। फाइटर जेट की 18 मिनट तक आकाश में उड़ता रहा।
2028 तक 83 फाइटर जेट सेना को मिलेंगे
केंद्र सरकार ने 2021 में 83 उन्नत तेजस मार्क-1ए जेट के लिए 46,898 करोड़ रुपये का भारी-भरकम अनुबंध किया था। डिलीवरी मार्च 2024 से फरवरी 2028 के बीच की जानी है। भारतीय वायुसेना के पास पहले से ही दो तेजस स्क्वाड्रन, 'फ्लाइंग डैगर्स' और 'फ्लाइंग बुलेट्स' हैं, जिनमें से एक अब दक्षिण-पश्चिमी सेक्टर में तैनात है।
फाइटर जेट में ये चीजें हैं खास
फाइटर जेट तेजस एमके-1ए में पिछले विमान की तुलना में कई एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। इसमें अन्य सुधारों के अलावा इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्कैन किए गए एरे (एईएसए) रडार, एक उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (ईडब्ल्यू) सूट और हवा से हवा और हवा से जमीन पर हथियारों की एक विस्तृत श्रृंखला ले जाने की क्षमता है। इसमें उन्नत दृश्य-सीमा (बीवीआर), हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और बाहरी आत्म-सुरक्षा जैमर लगाए गए हैं। तेजस लड़ाकू विमान आने वाले समय में विदेशी जेट विमानों की जगह भारतीय वायुसेना का मुख्य फाइटर जेट बनेगा।
कौन कर रहा निर्माण
रक्षा पीएसयू एचएएल तेजस एमके-1ए या एलसीए एमके1ए का निर्माण कर रहा है। इसे बेंगलुरु स्थित डीआरडीओ लैब एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) द्वारा विकसित किया गया है।
राजनाथ सिंह ने कही ये बातें
उधर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत की सीमाएं पूरी तरह से सुरक्षित हैं और देश के लोगों को सशस्त्र बलों पर पूरा भरोसा होना चाहिए। अग्निवीर योजना की आलोचना को लेकर एक सवाल पर मंत्री ने कहा कि ऐसे सवालों का ‘‘कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि हर कोई मानता है कि सशस्त्र बलों का युवा स्वरूप होना चाहिए। कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री ने लगभग 50 साल लंबे अपने राजनीतिक सफर के किस्से भी साझा किए।
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