तमिलनाडु नकली शराब मामला: मौत का आंकड़ा 47 पहुंचा, 3 आरोपी न्यायिक हिरासत में, विधानसभा में जमकर हंगामा
तमिलनाडु में मिलावटी शराब पीने से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या 47 पहुंच चुकी है। वहीं, राज्य का विधानसभा सत्र शुरू होने पर विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा किया। अब तक तीन आरोपियों को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है।
तमिलनाडु में मिलावटी शराब पीने से अब तक 47 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में यह मुद्दा चर्चा में बना हुआ है और शुक्रवार को विधानसभा सत्र शुरू होने पर भी विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। कई विधायकों को जबरन विधानसभा से बाहर किया गया और बाद में वापस बुलाया गया। यहां 29 जून तक विधानसभा सत्र चलना है। ऐसे में आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर चर्चा तय है। इस मामले में पुलिस अब तक तीन आरोपियों को पकड़ चुकी है, जिन्हें 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है। तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष अन्नामलई केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को खत लिखकर पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की भी मांग कर चुके हैं।
तमिलनाडु विधानसभा में शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के सदस्यों ने कल्लाकुरिची में हुए अवैध देशी शराब हादसे का मुद्दा उठाने का प्रयास किया, जिसके बाद पार्टी के कई सदस्यों को सदन से बाहर निकाल दिया गया। बाद में मुख्यमंत्री स्टालिन की अपील के बाद विपक्षी सदस्यों का निष्कासन रद्द किया गया। तमिलनाडु विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के.पलानीस्वामी ने बाद में कहा कि सत्र के दौरान अन्नाद्रमुक सदस्यों ने कल्लाकुरिची में हुए अवैध देशी शराब हादसे का मुद्दा उठाने का प्रयास किया, लेकिन ‘‘हमें इसकी अनुमति नहीं दी गई और पार्टी के सदस्यों को सदन से बाहर निकाल दिया गया।’’ उन्होंने अन्नाद्रमुक सदस्यों को सदन से निकाले जाने की कार्रवाई को "लोकतंत्र की हत्या" बताया। पलानीस्वामी ने कल्लाकुरिची में अवैध देशी शराब पीने से 50 लोगों की मौत होने का दावा किया।
सीएम की अपील पर वापस आए सदस्य
विधानसभा अध्यक्ष एम.अप्पावु ने कहा कि अन्नाद्रमुक के सदस्य प्रश्नकाल के दौरान मुद्दा उठाना चाहते थे, जो सदन के नियमों के विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि विधानसभा के सदस्य प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद ही शून्यकाल के दौरान किसी भी मुद्दे को उठा सकते हैं। अन्नाद्रमुक के सदस्यों के अपनी मांग पर अड़े रहने पर अध्यक्ष ने उन्हें सदन से बाहर निकालने का आदेश दिया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी पार्टी के विधायक आज कार्यवाही में शामिल नहीं हो सकेंगे। बाद में, मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने विधानसभा अध्यक्ष से अपील की कि मुख्य विपक्षी दल के सदस्यों को सदन की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति दी जाए। उनकी इस अपील को अप्पावु ने स्वीकार कर लिया और अन्नाद्रमुक विधायकों को सदन में वापस आने के लिए कहा। पलानीस्वामी सहित विपक्षी पार्टी के विधायक काली शर्ट पहनकर विधानसभा में आए थे।
क्या है मामला ?
तमिलनाडु के कल्लाकुरिचि जिले में कई लोगों ने अवैध देशी शराब का सेवन किया था। इसके बाद इन लोगों की तबीयत बिगड़नी शुरू हुई और एक-एक कर मौतें होने लगीं। अब तक कुल 47 लोग जहरीली शराब के कारण जान गंवा चुके हैं। इस सिलसिले में 49 वर्षीय (अवैध शराब विक्रेता) के.कन्नुकुट्टी को गिरफ्तार कर लिया गया है तथा उसके पास से जब्त की गयी करीब 200 लीटर अवैध शराब की जांच में सामने आया कि उसमें घातक 'मेथनॉल' मौजूद था। इस मामले में लापरवाही के लिए नौ पुलिसकर्मियों को भी निलंबित किया जा चुका है।
मुआवजे का ऐलान
जहरीली शराब से जान गवाने वाले लोगों के लिए सीएम एमके स्टालिन ने 10 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है। वहीं, शराब से बीमार होने वाले लोगों को 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद का ऐलान किया गया है। पूर्व जज जस्टिस बी गोकुलदास को इस मामले की जांच करने और 3 महीने में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। जस्टिस गोकुलदास जांच समिति के एकमात्र सदस्य हैं।