Tamil Nadu: सत्ताधारी द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) की युवा शाखा के सचिव और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने शनिवार को चेतावनी दी कि यदि तमिलनाडु में हिंदी थोपी गई तो पार्टी दिल्ली में केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगी। चेपॉक-तिरुवल्लिकेनी के विधायक ने चेन्नई में ऐतिहासिक वल्लूवर कोट्टम के पास एक बड़े विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार की ओर से लोगों की भावनाओं की अनदेखी की गई, तो पार्टी मूकदर्शक बनकर नहीं रहेगी।
'एक और भाषा युद्ध करने के लिए मजबूर न करे'
DMK की युवा शाखा के सचिव उदयनिधि ने कहा कि आज का प्रदर्शन नई शुरुआत है, लेकिन हिंदी थोपे जाने का विरोध एक दिन के विरोध और नारे लगाने से खत्म नहीं होगा। बड़ी संख्या में जुटे लोगों को संबोधित करते हुए उदयनिधि ने कहा, ‘‘यदि लोगों की भावनाओं को नजरअंदाज कर हिंदी थोपी गई तो विरोध प्रदर्शन तमिलनाडु के बाहर भी तेज होगा और मुख्यमंत्री की मंजूरी से इसे नई दिल्ली तक ले जाया जाएगा।’’
हाल में एक संसदीय समिति ने सिफारिश की है कि तकनीकी और गैर तकनीकी उच्च शिक्षण संस्थाओं जैसे कि IIT आदि में निर्देश का माध्यम अन्य दूसरे राज्यों में भी हिंदी भाषा को बनाया जाए। द्रमुक विधायकों के अलावा सांसदों ने भी विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। कुछ दिन पहले स्टालिन ने केंद्र सरकार को चेताया था कि वह हिंदी को थोपकर एक और ‘भाषा युद्ध’ करने के लिए मजबूर न करे।
'यह देश की एकता को कमजोर करेगा'
हाल में केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने शुक्रवार को केंद्र पर हिंदी को पूरे भारत में साझा भाषा बनाने के उसके प्रस्तावित कदम को लेकर निशाना साधा और दावा किया कि यह देश की एकता को कमजोर करेगा और ‘भाषाओं को लेकर संघर्ष’ का कारण भी बन सकता है। माकपा राज्य सचिवालय ने एक बयान में कहा कि केंद्र सरकार को पूरे देश में अंग्रेजी की जगह हिंदी को साझा भाषा बनाने का अपना प्रस्ताव वापस लेना चाहिए।
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