A
Hindi News भारत राष्ट्रीय तमिल एक्ट्रेस ने शादी के महज 4 महीने बाद किया जुड़वां बच्चों के जन्म का ऐलान, सरोगेसी कानून को लेकर छिड़ी बहस, क्या है ये?

तमिल एक्ट्रेस ने शादी के महज 4 महीने बाद किया जुड़वां बच्चों के जन्म का ऐलान, सरोगेसी कानून को लेकर छिड़ी बहस, क्या है ये?

Surrogacy Law in India: तमिल फिल्मों की अभिनेत्री नयनतारा ने शादी के महज 4 महीने बाद जुड़वां बच्चों के जन्म का ऐलान किया है। जिसके बाद से सरोगेसी कानून पर बहस छिड़ गई है।

Surrogacy Law in India- India TV Hindi Image Source : SOCIAL MEDIA Surrogacy Law in India

Highlights

  • नयनतारा की चार महीने पहले हुई थी शादी
  • दंपति ने जुड़वां बच्चों के जन्म का ऐलान किया
  • देश के सरोगेसी कानून को लेकर छिड़ी बहस

Surrogacy Law in India: तमिल फिल्मों की अभिनेत्री नयनतारा और निर्देशक विग्नेश सिवन ने 9 अक्टूबर को  बताया कि उनके जुड़वां बेटों का जन्म हुआ है। इस बीच सोशल मीडिया पर बधाई का तांता लग गया। लेकिन लोगों ने हैरानी भी जताई क्योंकि दोनों की शादी को अभी महज 4 महीने का ही वक्त हुआ है। मामला तब और चर्चा में आ गया, जब तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री एमए सुब्रमणियन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों ने अभिनेत्री के बच्चों के जन्म का जिक्र किया। उन्होंने मंत्री से सवाल पूछा कि 'क्या नयनतारा और विग्नेश ने शादी के बाद इतनी जल्दी बच्चा पैदा कर सरोगेसी कानून का उल्लंघन किया है?'

मंत्री का जवाब था, 'ये मुद्दा बहस का है। हम मेडिकल सेवा महानिदेशालय के जरिए मामले की जांच करेंगे।' हालांकि नयनतारा और उनके पति ने मामले में अभी तक कुछ नहीं कहा है। न तो ये बताया गया है कि बच्चों का जन्म सरोगेसी से हुआ है, न ही कि सामान्य तरीके से हुआ है। दोनों की शादी इसी साल जून महीने में हुई थी। इस मामले के सामने आने के बाद से लोग सोशल मीडिया पर सवालों की बौछार कर रहे हैं। वह सरोगेसी कानून से जुड़े सवालों की जानकारी खोज रहे हैं। मामले में खूब बहस चल रही है। 

ऐसे में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं, जैसे-

  • सरोगेसी कानून किनके लिए उपलब्ध है और किनके लिए नहीं?
  • क्या केवल शादीशुदा जोड़े ही सरोगेसी से बच्चा पैदा कर सकते हैं?
  • क्या समलैंगिक जोड़ों या ट्रांसजेंडर जोड़ों को भी इसके जरिए बच्चा पैदा करने का हक है?
  • इस कानून में किन्हें शामिल किया गया है?
  • कानून के दायरे से किन्हें बाहर रखा गया है?
  • क्या इस कानून में लैंगिक बराबरी को ध्यान में रखा गया है?

आखिर क्या है सरोगेसी कानून?

सरोगेसी रेगुलेशन बिल को 15 जुलाई, 2019 में लोकसभा में पेश किया गया था। जिसे संसद ने दिसंबर, 2021 में पारित किया। इसके बाद जनवरी, 2022 में कानून को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली और ये लागू हो गया। इस कानून के तहत भारत में सरोगेसी के तौर तरीकों को नियंत्रित किया जाता है। इसके तहत कमर्शियल सरोगेसी पर रोक लगाई गई है और सरोगेसी का इस्तेमाल नि:स्वार्थ भाव से करने की बात कही गई है। इसके तहत सरोगेट मां बच्चे को जन्म देने के बाद उसे उसके माता पिता को सौंप देती है। सरोगेसी का सहारा तभी लिया जाता है कि जब दंपति बच्चे को जन्म देने में असर्थ हों या उन्हें प्रजनन क्षमता से जुड़ी कोई बीमारी हो। सरोगेसी कानून कहता है कि दपंति की कोई करीबी रिश्तेदार ही सरोगेट मां बन सकती है। जिसकी उम्र 25-35 साल के बीच हो।

कानून में क्या बातें कही गई हैं?

सरोगेसी कानून में कहा गया है कि बच्चे की चाहत रखने वाले जोड़े में पति या पत्नी में से किसी को भी अगर प्रजनन क्षमता से जुड़ी शारीरिक समस्या हो, तो वह सरोगेसी से बच्चा पैदा कर सकते हैं। पति की न्यूनतम उम्र 21 साल और पत्नी की 18 साल होनी चाहिए। ये कानून विधवाओं और तलाकशुदा महिलाओं को भी सरोगेसी से मां बनने का विकल्प देता है। लेकिन उम्र 35-45 साल के बीच होनी चाहिए। 

कानून में लैंगिक बराबरी का कितना ध्यान रखा गया है?

वैसे तो कानून में व्यापक नजरिए की बात कही गई है लेकिन इसमें लैंगिक बराबरी को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। जैसे कानून केवल शादीशुदा जोड़ों की बात करता है, उनकी नहीं जो बिना शादी के पति-पत्नी की तरह साथ रह रहे हैं। ये इस कानून का सहारा नहीं ले सकते। सुप्रीम कोर्ट ने हाल में ही अपने फैसले में कहा था कि विवाहित और अविवाहित दोनों ही महिलाओं को गर्भपात कराने का अधिकार है। जिसके बाद से इस फैसले को सरोगेसी कानून से जोड़कर देखा जा रहा है। ऐसी भी मांग उठ रही है कि जब अविवाहित महिला को गर्भपात का अधिक है, तो उसे सरोगेसी के जरिए मां बनने का भी अधिकार होना चाहिए। ये मांग भी उठ रही है कि समलैंगिक और ट्रांसजेंडर जोड़ों को भी सरोगेसी कानून के तहत पेरेंट्स बनने का अधिकार मिलना चाहिए। 

जब भी कानून में लैंगिक बराबरी की बात आती है, तो कहा जाता है कि सिंगल पुरुषों और तलाकशुदा पुरुषों को सरोगेसी का अधिकार दिए जाने के बाद ही लैंगिक बराबरी आएगी। हालांकि कानून के लागू होने से पहले हमने अपने ही देश में इसके उदाहरण भी देखे हैं। साल 2017 में बॉलीवुड के फिल्म निर्माता करण जौहर सरोगेसी के जरिए जुड़वां बच्चों के पिता बने थे। उन्होंने सार्वजनिक तौर पर इसका ऐलान भी किया था। उनके उदाहरण से इसके दायरे में सिंगल पुरुषों को लाने की बात भी हो रही है।

Latest India News