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Hindi News भारत राष्ट्रीय जगन्नाथ मंदिर और इस्कॉन के बीच बातचीत रही बेनतीजा, असमय रथयात्रा से जुड़ा है मामला

जगन्नाथ मंदिर और इस्कॉन के बीच बातचीत रही बेनतीजा, असमय रथयात्रा से जुड़ा है मामला

भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा का असमय आयोजन करने को लेकर शुरू हुए विवाद को सुलझाने के मद्देनजर बैठक बुलाई गई थी, जो बेनतीजा रही। इसे लेकर इस्कॉन और जगन्नाथ मंदिर के अधिकारियों द्वारा बयान दिए गए हैं।

Talks between Jagannath temple and ISKCON remained inconclusive the matter is related to the untimel- India TV Hindi Image Source : ANI जगन्नाथ मंदिर और इस्कॉन के बीच बातचीत रही बेनतीजा

अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन) द्वारा विदेश में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा का ‘असमय’ आयोजन करने को लेकर उपजे विवाद को सुलझाने के लिए बृहस्पतिवार को यहां बुलाई गई बैठक बेनतीजा रही। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। पुरी के गजपति महाराज दिव्य सिंह देब की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में इस्कॉन और श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के धार्मिक विद्वानों ने हिस्सा लिया। एसजेटीए के मुख्य प्रशासक अरबिंद पाढी ने संवाददाताओं को बताया कि बैठक में शामिल प्रतिनिधियों ने रथ यात्रा के ‘‘असमय’’ आयोजन के प्रभाव पर चर्चा की, जिससे ‘‘करोड़ों जगन्नाथ भक्तों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं।’’ 

महाराज दिव्य सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक

उन्होंने कहा, ‘‘बैठक बहुत सौहार्द्रपूर्ण रही और हमने इस्कॉन के प्रतिनिधियों को अपनी चिंताओं से अवगत कराया तथा उनसे अनुरोध किया कि वे पुरी में तय कार्यक्रम के अनुसार ही दुनियाभर में रथयात्रा का आयोजन करें। हालांकि, बैठक में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जा सका।’’ मुकुंददास जी महाराज के नेतृत्व में बैठक में शामिल हुई इस्कॉन संगठन टीम ने कहा, ‘‘चर्चा सकारात्मक रही और मैं इस मामले पर राजा (गजपति महाराज) की चिंता की सराहना करता हूं। उन्होंने पहले भी इस मुद्दे पर बातचीत करने के लिए हमें दो बार पत्र लिखा था। हम इस मामले को इस्कॉन के शासी निकाय में उठाएंगे।’’ 

क्या बोले इस्कॉन स्कॉलर बोर्ड के सदस्य

इस मामले पर इस्कॉन स्कॉलर बोर्ड के सदस्य मुकुंद दत्ता ने कहा, "हमने महाराज की चिंताओं पर चर्चा की। प्रत्येक पक्ष ने कई प्रश्न तैयार किए थे। दोनों पक्षों के प्रत्येक विद्वान ने उत्पादक रूप से चर्चा की और एक-दूसरे की स्थिति के बारे में बेहतर समझ हासिल की। ​​राजा इस बात पर सहमत हुए कि चर्चा जारी रखना एक अच्छा विचार होगा। हमें इस मामले को मायापुर में हमारे शासी निकाय आयोग के सामने लाना होगा। इन चीजों पर निर्णय लेना उनके ऊपर है। हां (हम इस बार जून में रथ यात्रा मनाएंगे)"। 

अरबिंद पाढी ने कही ये बात

वहीं इस मामले में श्री जगन्नाथ मंदिर कार्यालय पुरी के मुख्य प्रशासक, अरबिंद के पाढी ने कहा, "हमारे देश के बाहर, इस्कॉन संगठन श्री जगन्नाथ मंदिर, पुरी की शास्त्रों और परंपराओं द्वारा स्वीकृत तिथियों के अलावा कुछ अन्य तिथियों पर स्नान यात्रा और रथ यात्रा मना रहा है। हमने विनम्रतापूर्वक इस्कॉन इंडिया के गवर्निंग काउंसिल ब्यूरो से शास्त्रों के अनुसार कार्यक्रम मनाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि वे इस मामले को मायापुर, पश्चिम बंगाल में अपने मुख्यालय में अपने शासी निकाय आयोग और यूएसए में अपने अध्यक्ष के पास ले जाएंगे।

कब निकाली जाती है भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा?

भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा हर साल आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को निकाली जाती है, जो सामान्यतः जून या जुलाई में पड़ती है। 27 जून 2025 को भगवान जगन्नाथ की यात्रा निकाली जाएगी। यह ऐतिहासिक उत्सव का आयोजन ओडिशा के पुरी में किया जाता है, जहां भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के विशाल रथों को भक्त गुंडिचा मंदिर तक खींचते हैं, जो जगन्नाथ मंदिर से लगभग 3 किलोमीटर दूर है। यह परंपरा भगवान के भक्तों से मिलन का प्रतीक है और यह परंपरा सैकड़ों वर्षों से चली आ रही है। इस दिन लाखों श्रद्धालु पुरी पहुंचते हैं। रथयात्रा की तारीख पुरी के पुजारियों और हिंदू पंचांग के आधार पर तय होती है। यह भारत के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है, जो भक्ति और उत्साह का अनूठा संगम है।

(इनपुट-एजेंसी के साथ)

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