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Hindi News भारत राष्ट्रीय Indian Railways: आईआरसीटीसी से अलग रेलवे 100 से अधिक फूड प्लाजा खोलेगा

Indian Railways: आईआरसीटीसी से अलग रेलवे 100 से अधिक फूड प्लाजा खोलेगा

रेलवे बोर्ड द्वारा जारी एक आदेश के मुताबिक रेलवे राजस्व बढ़ाने के लिए अब अपनी खानपान इकाई इंडियन रेलवे टूरिज्म एंड कैटरिंग कॉरपोरेशन (IRCTC) से अलग अपने फूड प्लाजा, फास्ट फूड आउटलेट और रेस्टोरेंट खोलेगा। 

IRCTC food plaza- India TV Hindi Image Source : TWITTER IRCTC food plaza

Highlights

  • रेलवे सौ से ज्यादा स्टेशनों पर फूड प्लाजा खोलकर जुटाएगा राजस्व
  • आईआरसीटीसी की वजह से लिया ये फैसला
  • IRCTC ट्रेनों और स्टेशनों पर खानपान की सुविधा देने के लिए जिम्मेदार है

नयी दिल्ली:  भारतीय रेलवे राजस्व बढ़ाने के लिए अब एक और नया कदम उठाने जा रही है। रेलवे बोर्ड द्वारा जारी एक आदेश के मुताबिक रेलवे राजस्व बढ़ाने के लिए अब अपनी खानपान इकाई इंडियन रेलवे टूरिज्म एंड कैटरिंग कॉरपोरेशन (IRCTC) से अलग अपने फूड प्लाजा, फास्ट फूड आउटलेट और रेस्टोरेंट खोलेगा। बता दें कि, IRCTC रेलगाड़ियों और स्टेशनों पर खानपान की सुविधा देने के लिए जिम्मेदार है। 

हालांकि, आईआरसीटीसी इन इकाइयों की स्थापना में विफल रही है, जिसके चलते भारतीये रेलवे को राजस्व का भारी नुकसान हुआ और अब यह जिम्मेदारी जोनल रेलवे को सौंपने का फैसला किया गया है। इस संबंध में आठ मार्च को जारी आदेश के मुताबिक 17 जोनल रेलवे को ऐसी इकाइयों के लिए स्टेशनों पर खाली जगह का इस्तेमाल करने की इजाजत दी गई है।  

आईआरसीटीसी के लिए बाधा बनी थी ज्यादा लाइसेंस फीस

आदेश में कहा गया है कि इस तथ्य के मद्देनजर कि आईआरसीटीसी को आवंटित किए गए कई स्थान खाली रह गए हैं, जिससे यात्रियों को समुचित सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं और रेलवे को राजस्व का नुकसान हो रहा है, इसलिए जोनल रेलवे द्वारा रेलवे स्टेशनों पर उपलब्ध खाली स्थान पर फूड प्लाजा/फास्ट फूड इकाई/रेस्टोरेंट खोलने के लिए अनुमति मांगी गई है। जानकारों का कहना है कि 2017 की खानपान नीति के तहत तय ज्यादा लाइसेंस फीस, रेलवे की संपत्ति की ऊंची दर और गलत स्थानों का चयन फूड कोर्ट की स्थापना में आईआरसीटीसी के लिए बाधा थे। हालांकि इन दिनों इस नीति पर पुनर्विचार चल रहा है।

100-150 आउटलेट स्थापित करने की योजना

सूत्र बताते हैं कि जोनल रेलवे द्वारा ऐसे 100-150 आउटलेट स्थापित करने की योजना है। जानकार अधिकारियों के मुताबिक आईआरसीटीसी अधिक लाइसेंस शुल्क, रेल भूमि की अत्यधिक दर और ऐसी इकाइयों की स्थापना के लिए गलत स्थान के विकल्प के चलते इन फूड कोर्ट की स्थापना नहीं कर सकी। आदेश के मुताबिक, आईआरसीटीसी से ये स्थान वापस लेने के लिए भी समन्वय बनाकर निर्धारित प्रक्रिया का पालन होगा। नियमों और शर्तों के मुताबिक ठेका या अनुबंध, यदि कोई हो, पर भी विचार होगा।

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