Taj Mahal Case Explainer: देश में ताजमहल को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। इसमें स्थित 22 कमरों को खोलने की मांग की जा रही है, जिससे उन दावों की सच्चाई का पता चल सके, जिसमें कहा गया था कि यहां हिन्दू देवी देवताओं की मूर्तियां हो सकती हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट में इस विवाद को लेकर एक याचिका भी दायर हो चुकी है। ये याचिका दावा करती है कि अंग्रेजों के जमाने से बंद इन कमरों में हिन्दू देवी देवताओं की मूर्तियां, प्राचीन शिवलिंग और शिलालेख मौजूद हो सकते हैं। कोर्ट में दायर इस याचिका में ये भी कहा गया है कि आगरा में जिस जगह अभी ताजमहल है, वहां साल 1212 में राजा परमर्दिदेव ने भगवान शिव का मंदिर बनवाया था, जिसे तेजोमहालय या तेजोमहल का नाम दिया गया था लेकिन शाहजहां ने तेजो महालय को तुड़वाकर इसे मकबरा बना दिया। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में अब 12 मई को इस मामले की सुनवाई होगी।
किसने दाखिल की याचिका
भाजपा कार्यकर्ता डॉ. रजनीश ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल की है। इस मामले में पहले आज सुनवाई होनी थी, लेकिन वकीलों की हड़ताल की वजह से ऐसा नहीं हो सका। डॉ. रजनीश का कहना है कि याचिका दाखिल करने का एक ही मकसद है कि ये स्पष्ट हो सके कि ये शिव मंदिर है या मकबरा! ताजमहल (Taj Mahal) के बंद दरवाजे खुलने से सारी सच्चाई सामने आ जाएगी। हालांकि जानकार मानते हैं कि ताजमहल के 22 बंद दरवाजों को खोलना बहुत मुश्किल काम है।
22 बंद दरवाजों को खोलने में कानूनी अड़चनें
ताजमहल (Taj Mahal) एक वैश्विक धरोहर है इसलिए इस मामले में UNESCO (यूनाइडेट नेशंस एजुकेशनल, साइंटिफिक एण्ड कल्चरल ऑरगनाइजेशन) भी नजर रखेगा। ताजमहल में अगर किसी भी तरह का बदलाव होता है, तो पहले UNESCO से बात करनी होगी। ऐसे में ये बात साफ है कि दरवाजों को खोलने के दौरान भी UNESCO की सहमति जरूरी होगी। इसके अलावा दरवाजे खोलने के काम में हाईलेवल एक्सपर्सट्स और बहुत सारा धन भी चाहिए होगा। एक चुनौती ये भी होगी कि जांच के दौरान अगर स्मारक के स्ट्रक्चर में कोई भी समस्या आई या कुछ क्षतिग्रस्त हुआ तो उसे संभालना बहुत मुश्किल होगा।
बंद दरवाजों के पीछे क्या हो सकती है वजह
ताजमहल (Taj Mahal) के 22 बंद दरवाजों के पीछे क्या वजह हो सकती है? इसके बारे में अभी निश्चित रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता है। ये तो दरवाजे खुलने के बाद ही पता लग सकेगा। हालांकि ये बात जरूर है कि भारत में पहले ऐसे कई मंदिर भी रहे हैं, जहां के कुछ हिस्सों को इसलिए बंद कर दिया गया क्योंकि वह डैमेज हो रहे थे और वहां किसी पर्यटक के जाने से उस जगह को या पर्यटक को नुकसान पहुंच सकता था।
याचिका में और क्या दावे किए गए
याचिका में कहा गया है कि 1212 AD में राजा परमर्दिदेव ने तेजो महालय बनवाया, जो बाद में जयपुर के राजा मान सिंह को विरासत में मिल गया। उसके बाद इसके अधिकारी राजा जय सिंह हुए। लेकिन शाहजहां ने इस तेजो महालय को तुड़वाया और बाद में मकबरा बना दिया। इस याचिका में यह भी कहा गया है कि मुस्लिम लोग महल शब्द का इस्तेमाल नहीं करते और औरंगजेब के काल में भी कहीं ताजमहल का जिक्र नहीं है।
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