हाल ही में टाटा के स्वामित्व वाले ताज होटल में हुए डेटा लीक मामले में बड़ी खबर आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग 1.5 मिलियन लोगों की निजी जानकारी में सेंध लग गई है। ताज ग्रुप चलाने वाली इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (आईएचसीएल) के प्रवक्ता ने कहा, ''अपराधी, जिसे 'डैनकुकीज' के नाम से जाना जाता है, वह संपूर्ण डेटासेट, पते, सदस्यता आईडी, मोबाइल नंबर और अन्य व्यक्तिगत पहचान योग्य जानकारी (पीआईआई) के लिए 5,000 डॉलर का अनुरोध कर रहा है।
सिस्टम की निगरानी जारी
उन्होंने कहा, "हमें किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में अवगत कराया गया है, जो सीमित ग्राहक डेटा सेट को हैक करने का दावा कर रहा है, जो गैर-संवेदनशील प्रकृति का है। हमारे ग्राहकों के डेटा की सुरक्षा हमारे लिए सबसे अहम है।'' प्रवक्ता ने कहा, "हम इस दावे की जांच कर रहे हैं और संबंधित अधिकारियों को सूचित कर दिया है। हम अपने सिस्टम की निगरानी करना जारी रखते हैं।''
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हैकर्स ने सौदे के लिए रखी मांगें
हालांकि, दिल्ली पुलिस ने अभी तक पुष्टि नहीं की है कि उन्हें ताज समूह से कोई शिकायत मिली है या नहीं। रिपोर्ट के मुताबिक, धमकी देने वाले हैकर्स का कहना है कि ग्राहक डेटा 2014-2020 की अवधि का है और अब तक किसी को भी इसका खुलासा नहीं किया गया है। बताया जा रहा है कि हैकर्स ने सौदे के लिए तीन मांगें भी रखी हैं।
"ये आंकड़े नए नहीं है"
वहीं, साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये आंकड़े नए नहीं है, इसलिए आंकड़े लीक कैसे हुए इसकी कई संभावनाएं हो सकती हैं। उनके मुताबिक, संभव है कि साइबर सिक्योरिटी ऑडिट 2020 के बाद नहीं हुआ है, लेकिन आंकड़ों को अब बेचा जा रहा है।
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