Swine Flu: देश में बीते कई दिनों से कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन अब इसके साथ-साथ स्वाइन फ्लू का भी कहर भी शुरू हो गया है। महाराष्ट्र, दिल्ली जैसे राज्यों के बाद यूपी में भी इसके मामले आने लगे हैं। अभी कल ही उत्तर प्रदेश के मुरादाबा के रहने वाले एक व्यक्ति की स्वाइन फ्लू से मौत हो गई है। इसकी वजह से स्वास्थ विभाद हाई अलर्ट पर है। देश की राजधानी दिल्ली में भी स्वाइन फ्लू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसकी वजह से दिल्ली को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है।
कहां कितने स्वाइन फ्लू के मामले
पहले कोरोना फिर मंकीपॉक्स अब स्वाइन फ्लू, एक के बाद एक बीमारियों के हमले इंसानों पर जारी हैं। इस वक्त देशभर में स्वाइन फ्लू के सैकड़ों मामले आ चुके हैं। अकेले महाराष्ट्र और यूपी के आंकड़े मिला लें तो वह 142 के पार चले जाते हैं। जबकि इस बीमारी से अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है। स्वाइन फ्लू से महाराष्ट्र की स्थिति सबसे खराब बताई जा रही है। देश में सबसे ज्यादा मामले वहीं हैं।
स्वाइन फ्लू के लक्षण
स्वाइन फ्लू एच1एन1 वायरस के संक्रमण के कारण होता है। इस बीमारी में बुखार, सर्दी, जुकाम, छींक आने की समस्या, गले में खराश, थकान, सांस लेने में परेशानी इत्यादि होती है। संक्रमण ज्यादा होने पर निमोनिया व छाती में दर्द हो सकता है। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के अनुसार दिल्ली में पिछले साल स्वाइन फ्लू के 92 मामले रिपोर्ट हुए थे। इस साल अब तक स्वाइन फ्लू के दो मामले रिपोर्ट हुए हैं।
स्वाइन फ्लू से बचाव
स्वाइन फ्लू का इलाज करने के लिए डॉक्टर्स एंटीवायरल दवाओं का इस्तेमाल करते हैं। स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखने पर 48 घंटे के भीतर दवाओं का सेवन करने की सलाह दी जाती है। लक्षण दिखने पर आपको सबसे पहले इलाज कराना चाहिए और सही समय पर दवा लेनी चाहिए। इसके अलावा स्वाइन फ्लू से बचने के लिए आपको डाइट और लाइफस्टाइल का ध्यान रखना चाहिए। संक्रमण होने पर आराम करें और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले फूड्स का सेवन करें। इस संक्रमण में बिना डॉक्टर की सलाह लिए किसी भी दवा का सेवन नहीं करना चाहिए।
क्या है स्वाइन फ्लू
स्वाइन फ्लू बेहद तेजी से फैलने वाली एक संक्रामक बीमारी है। इसे हम H1N1 के नाम से भी जानते हैं। यह सुअरों से फैलने वाली खतरनाक संक्रामक बीमारी है। इस संक्रमित जानवर या इंसान के पास जाने पर H1N1 वायरस इंसानों के शरीर में मौजूद ह्यूमन फ्लू स्ट्रेन के संपर्क में आ जाता है। इससे यह बीमारी जानवरों के जरिए इंसानों में भी फैल जाती है। अगर बीमारी का स्तर खराब हो जाए तो यह आपकी जान भी लेलेती है।
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