नई दिल्ली: कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के साथ रेप के बाद हत्या की घटना को अंजाम दिया गया है। इस मामले को लेकर जहां देश भर में आक्रोश व्याप्त हैं वहीं सीबीआई को इसकी जांच सौंप दी गई है। फिलहाल इन सबके बीच अब सुप्रीम कोर्ट ने आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं मर्डर केस का स्वत: संज्ञान लिया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ 20 अगस्त को मामले की सुनवाई करेगी।
देश भर में जताया जा रहा विरोध
बता दें कि अस्पताल की डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर की घटना के बाद कोलकाता सहित पूरे देश भर में प्रदर्शन और हड़तालें हो रही है। आईएमए ने भी इस संबंध में देशव्यापी हड़ताल का अह्वान किया था। इसके अलावा आईएमए ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने की मांग भी की गई थी। इसके साथ ही आईएमए ने पीएम मोदी से डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय कानून भी बनाए जाने की मांग की थी। फिलहाल सीबीआई मामले की जांच कर रही है। वहीं मुख्य संदिग्धों से पूछताछ भी की जा रही है।
अस्पताल के पास धारा 163 लागू
वहीं कोलकाता पुलिस ने आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पास रविवार 18 अगस्त से 24 अगस्त तक निषेधाज्ञा लागू की है, जिसके तहत 5 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने और सभा करने पर प्रतिबंध होगा। महिला डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर का मामला सामने आने के बाद आर जी कर अस्पताल विरोध-प्रदर्शन का केंद्र बन गया है। एक आदेश में कहा गया है कि कोलकाता पुलिस ने अस्पताल के आसपास भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNS) की धारा-163 (2) लागू कर दी है। इसमें बताया गया है कि अस्पताल के आसपास के क्षेत्र से लेकर श्यामबाजार फाइव-पॉइंट क्रॉसिंग तक निषेधाज्ञा लागू की गई है। आदेश के मुताबिक, निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 223 के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
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